आर एस राणा
नई दिल्ली। पहली अक्टूबर 2019 से शुरू होने वाले गन्ना पेराई सीजन 2109-20 (अक्टूबर से सितंबर) में महाराष्ट्र की उन्हीं चीनी मिलों को पेराई लाइसेंस जारी किए जायेंगे, जिन्होंने किसानों का पेराई सीजन 2018-19 का 100 फीसदी भुगतान कर दिया है। सूखे और बाढ़ से राज्य में चीनी के उत्पादन में 41.12 फीसदी की भारी गिरावट आने का अनुमान है।
राज्य के चीनी आयुक्त शेखर गायकवाड ने आउटलुक को बताया कि राज्य की चीनी मिलों पर अभी भी 589.59 करोड़ रुपये का बकाया बचा हुआ है, इसलिए राज्य सरकार ने फैसला किया है कि आगामी पेराई सीजन 2019-20 के लिए उन्हीं चीनी मिलों को पेराई लाइसेंस जारी किए जायेंगे, जो चीनी मिलें 100 फीसदी का भुगतान कर चुकी है। उन्होंने बताया कि राज्य की 195 चीनी मिलों में से अभी तक 130 चीनी मिलों ने ही 100 फीसदी का भुगतान किया है। उन्होंने बताया कि बकाया भुगतान करने के लिए चीनी मिलों के पास 31 सितंबर 2019 तक का समय है।
गन्ना खरीदने के 14 दिनों के अंदर करना होता है भुगतान
उन्होंने बताया कि गन्ने के उचित एवं लाभकारी मूल्य (एफआरपी) का भुगतान किसानों को चीनी मिलों द्वारा 14 दिन के भीतर करना जरुरी है, इसलिए राज्य सरकार नए पेराई सीजन में गन्ना नियंत्रण आदेश, 1966 के तहत निर्धारित समय सीमा में ही किसानों के बकाया भुगतान के लिए पेराई लाइसेंस जारी करने का आदेश जारी किया है। उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र सुगर फैक्ट्रीज एक्ट, 1984 के आधार पर कारखानों को पेराई लाइसेंस जारी किए जाते हैं।
राज्य की 130 मिलों ने ही किया है पूरा भुगतान
उन्होंने बताया कि राज्य की चीनी मिलों ने चालू पेराई सीजन 2018-19 में 23,207.28 करोड़ रुपये मूल्य का गन्ना खरीदा है, जिसमें से 15 अगस्त 2019 तक 22,645.26 करोड़ रुपये का ही भुगतान किया है। अत: राज्य की चीनी मिलों पर अभी भी 589.59 करोड़ रुपये किसानों का बकाया बचा हुआ हैं। उन्होंने बताया कि राज्य की 130 चीनी मिलों ने 100 फीसदी का भुगतान कर दिया है, जबकि 48 चीनी मिलों ने 80 से 99 फीसदी का भुगतान किया है।
प्रारंभिक अनुमान के अनुसार चीनी उत्पादन में आयेगी 41.12 फीसदी की गिरावट
उन्होंने बताया कि पिछले पेराई सीजन में राज्य में 107 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था, जबकि प्रारंभिक अनुमान के अनुसार चालू पेराई सीजन में राज्य में केवल 63 लाख टन चीनी के उत्पादन का अनुमान है जोकि पिछले साल की तुलना में 41.12 फीसदी कम है। उन्होंने बताया कि मराठवाड़ा में सूखे से गन्ने की फसल को भारी नुकसान हुआ है जबकि इस समय राज्य में 1,500 कैंप पशुओं के लिए चलाए जा रहे हैं, जिनमें गन्ना जा रहा है। राज्य के कोल्हापुर और सांगली में बाढ़ से गन्ने की फसल को नुकसान हुआ है ऐसे में चीनी के प्रारंभिक उत्पादन अनुमान में और भी कम आने की आशंका है।
बुआई में आई है कमी
कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू सीजन में राज्य में गन्ने की बुआई घटकर 8.40 लाख हेक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल राज्य में 11 लाख हेक्टेयर में गन्ने की बुआई हुई थी।.......... आर एस राणा
नई दिल्ली। पहली अक्टूबर 2019 से शुरू होने वाले गन्ना पेराई सीजन 2109-20 (अक्टूबर से सितंबर) में महाराष्ट्र की उन्हीं चीनी मिलों को पेराई लाइसेंस जारी किए जायेंगे, जिन्होंने किसानों का पेराई सीजन 2018-19 का 100 फीसदी भुगतान कर दिया है। सूखे और बाढ़ से राज्य में चीनी के उत्पादन में 41.12 फीसदी की भारी गिरावट आने का अनुमान है।
राज्य के चीनी आयुक्त शेखर गायकवाड ने आउटलुक को बताया कि राज्य की चीनी मिलों पर अभी भी 589.59 करोड़ रुपये का बकाया बचा हुआ है, इसलिए राज्य सरकार ने फैसला किया है कि आगामी पेराई सीजन 2019-20 के लिए उन्हीं चीनी मिलों को पेराई लाइसेंस जारी किए जायेंगे, जो चीनी मिलें 100 फीसदी का भुगतान कर चुकी है। उन्होंने बताया कि राज्य की 195 चीनी मिलों में से अभी तक 130 चीनी मिलों ने ही 100 फीसदी का भुगतान किया है। उन्होंने बताया कि बकाया भुगतान करने के लिए चीनी मिलों के पास 31 सितंबर 2019 तक का समय है।
गन्ना खरीदने के 14 दिनों के अंदर करना होता है भुगतान
उन्होंने बताया कि गन्ने के उचित एवं लाभकारी मूल्य (एफआरपी) का भुगतान किसानों को चीनी मिलों द्वारा 14 दिन के भीतर करना जरुरी है, इसलिए राज्य सरकार नए पेराई सीजन में गन्ना नियंत्रण आदेश, 1966 के तहत निर्धारित समय सीमा में ही किसानों के बकाया भुगतान के लिए पेराई लाइसेंस जारी करने का आदेश जारी किया है। उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र सुगर फैक्ट्रीज एक्ट, 1984 के आधार पर कारखानों को पेराई लाइसेंस जारी किए जाते हैं।
राज्य की 130 मिलों ने ही किया है पूरा भुगतान
उन्होंने बताया कि राज्य की चीनी मिलों ने चालू पेराई सीजन 2018-19 में 23,207.28 करोड़ रुपये मूल्य का गन्ना खरीदा है, जिसमें से 15 अगस्त 2019 तक 22,645.26 करोड़ रुपये का ही भुगतान किया है। अत: राज्य की चीनी मिलों पर अभी भी 589.59 करोड़ रुपये किसानों का बकाया बचा हुआ हैं। उन्होंने बताया कि राज्य की 130 चीनी मिलों ने 100 फीसदी का भुगतान कर दिया है, जबकि 48 चीनी मिलों ने 80 से 99 फीसदी का भुगतान किया है।
प्रारंभिक अनुमान के अनुसार चीनी उत्पादन में आयेगी 41.12 फीसदी की गिरावट
उन्होंने बताया कि पिछले पेराई सीजन में राज्य में 107 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था, जबकि प्रारंभिक अनुमान के अनुसार चालू पेराई सीजन में राज्य में केवल 63 लाख टन चीनी के उत्पादन का अनुमान है जोकि पिछले साल की तुलना में 41.12 फीसदी कम है। उन्होंने बताया कि मराठवाड़ा में सूखे से गन्ने की फसल को भारी नुकसान हुआ है जबकि इस समय राज्य में 1,500 कैंप पशुओं के लिए चलाए जा रहे हैं, जिनमें गन्ना जा रहा है। राज्य के कोल्हापुर और सांगली में बाढ़ से गन्ने की फसल को नुकसान हुआ है ऐसे में चीनी के प्रारंभिक उत्पादन अनुमान में और भी कम आने की आशंका है।
बुआई में आई है कमी
कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू सीजन में राज्य में गन्ने की बुआई घटकर 8.40 लाख हेक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल राज्य में 11 लाख हेक्टेयर में गन्ने की बुआई हुई थी।.......... आर एस राणा
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