आर एस राणा
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने प्याज की कीमतों पर काबू पाने के लिए निर्यात पर 850 डॉलर प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) लगा दिया है। इससे पहले केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार को राशन की दुकानों के माध्यम से 23.90 रुपये किलो के भाव बेचने को कहा था साथ ही एमएमटीसी के माध्यम से दो हजार टन प्याज आयात की मंजूरी दी थी।
विदेश व्यापार महानिदेशालय द्वारा गुरूवार को जारी अधिसूचना के अनुसार प्याज के निर्यात पर 850 डॉलर प्रति टन का एमईपी लगाया गया है जोकि तत्काल प्रभाव से लागू होगा। केंद्र सरकार ने दो फरवरी 2018 को प्याज के निर्यात पर एमईपी को शून्य किया था। इससे पहले 19 जनवरी 2018 को इसके निर्यात पर 700 डॉलर प्रति टन का एमईपी लगाया था।
चालू वित्त वर्ष के पहले दो महीनों में निर्यात हुआ कम
कृषि मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2019-20 के अप्रैल में प्याज का निर्यात 1.89 लाख टन का और मई में 1.63 लाख टन का हुआ था जबकि वित्त वर्ष 2018-19 के अप्रैल में निर्यात 1.72 लाख टन का और मई में 2.15 लाख टन का निर्यात हुआ था। अत: चालू वित्त वर्ष के पहले दो महीनों में प्याज का निर्यात केवल 3.52 लाख टन का ही हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 3.88 लाख टन का हुआ था। फसल सीजन 2018—19 में प्याज का उत्पादन ज्यादा होने के बावजूद भी कीमतों में तेजी आई है तथा फूटकर में प्याज के भाव बढ़कर 45 से 50 रुपये प्रति किलो तक हो गए हैं जबकि उत्पादक मंडियों में इसके भाव 14 से 30 रुपये प्रति किलो हैं। महाराष्ट्र की कोल्हापुर मंडी में प्याज के भाव 1,400 से 3,000 रुपये प्रति क्विंटल रहे। दिल्ली की आजादपुर मंडी में प्याज का थोक भाव 12.30 से 30 रुपये प्रति किलो रहे।
उत्पादन अनुमान ज्यादा
कृषि मंत्रालय के तीसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार फसल सीजन 2018-19 में प्याज का उत्पादन 0.95 फीसदी बढ़कर 232.8 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल प्याज का उत्पादन 232.6 लाख टन हुआ था। केंद्र सरकार ने इस साल 56,000 टन प्याज का बफर स्टाक बनाया था जिसमें से 10,000-12,000 टन नाफेड, एनसीसीएफ और मदर डेयरी ने अभी तक बेचा है। .......... आर एस राणा
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने प्याज की कीमतों पर काबू पाने के लिए निर्यात पर 850 डॉलर प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) लगा दिया है। इससे पहले केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार को राशन की दुकानों के माध्यम से 23.90 रुपये किलो के भाव बेचने को कहा था साथ ही एमएमटीसी के माध्यम से दो हजार टन प्याज आयात की मंजूरी दी थी।
विदेश व्यापार महानिदेशालय द्वारा गुरूवार को जारी अधिसूचना के अनुसार प्याज के निर्यात पर 850 डॉलर प्रति टन का एमईपी लगाया गया है जोकि तत्काल प्रभाव से लागू होगा। केंद्र सरकार ने दो फरवरी 2018 को प्याज के निर्यात पर एमईपी को शून्य किया था। इससे पहले 19 जनवरी 2018 को इसके निर्यात पर 700 डॉलर प्रति टन का एमईपी लगाया था।
चालू वित्त वर्ष के पहले दो महीनों में निर्यात हुआ कम
कृषि मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2019-20 के अप्रैल में प्याज का निर्यात 1.89 लाख टन का और मई में 1.63 लाख टन का हुआ था जबकि वित्त वर्ष 2018-19 के अप्रैल में निर्यात 1.72 लाख टन का और मई में 2.15 लाख टन का निर्यात हुआ था। अत: चालू वित्त वर्ष के पहले दो महीनों में प्याज का निर्यात केवल 3.52 लाख टन का ही हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 3.88 लाख टन का हुआ था। फसल सीजन 2018—19 में प्याज का उत्पादन ज्यादा होने के बावजूद भी कीमतों में तेजी आई है तथा फूटकर में प्याज के भाव बढ़कर 45 से 50 रुपये प्रति किलो तक हो गए हैं जबकि उत्पादक मंडियों में इसके भाव 14 से 30 रुपये प्रति किलो हैं। महाराष्ट्र की कोल्हापुर मंडी में प्याज के भाव 1,400 से 3,000 रुपये प्रति क्विंटल रहे। दिल्ली की आजादपुर मंडी में प्याज का थोक भाव 12.30 से 30 रुपये प्रति किलो रहे।
उत्पादन अनुमान ज्यादा
कृषि मंत्रालय के तीसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार फसल सीजन 2018-19 में प्याज का उत्पादन 0.95 फीसदी बढ़कर 232.8 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल प्याज का उत्पादन 232.6 लाख टन हुआ था। केंद्र सरकार ने इस साल 56,000 टन प्याज का बफर स्टाक बनाया था जिसमें से 10,000-12,000 टन नाफेड, एनसीसीएफ और मदर डेयरी ने अभी तक बेचा है। .......... आर एस राणा
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