आर एस राणा
नई दिल्ली। विश्व बाजार में चीनी की कुल उपलब्धता में 40 से 50 लाख टन की कमी आने की आशंका है, ऐसे में नवंबर मध्य के बाद भारत से चीनी के निर्यात सौदों में सुधार आने का अनुमान है। विश्व बाजार में इस समय चीनी की कीमतें नीचे बनी हुई है, इसलिए निर्यात पैरिटी नहीं लग रही है।
इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के महानिदेशक अबिनाश वर्मा ने आउटलुक को बताया कि विश्व बाजार में चीनी के दाम काफी नीचे आ गए हैं, जिस कारण सब्सिडी के बावजूद निर्यात पड़ते नहीं लग रहे हैं। उन्होंने बताया कि विश्व बाजार की कीमतों के हिसाब से चीनी के दाम 20 रुपये प्रति किलो मिल रहे हैं जबकि 10.50 रुपये प्रति किलो की सब्सिडी को मिलाकर भाव 30.50 रुपये प्रति किलो होता है। केंद्र सरकार ने चीनी का न्यूनतम बिक्री भाव 31 रुपये प्रति किलो तय किया हुआ है। जबकि मिलों को लागत इससे ज्यादा की आई है। उन्होंने बताया कि चीनी मिलें इवेंट्री कम करने के लिए थोड़ा बहुत निर्यात कर रही है।
विश्व बाजार में चीनी की उपलब्धता 40-50 लाख टन कम रहने का अनुमान
उन्होंने बताया कि चालू पेराई सीजन में अगस्त के मध्य तक केवल 37 से 38 लाख टन चीनी का ही निर्यात हुआ है जबकि निर्यात का लक्ष्य 50 लाख टन का था। पहली अक्टूबर 2019 से हमारे यहां चीनी का नया पेराई सीजन 2019-20 शुरू होगा, जबकि अक्टूबर के अंत तक ब्राजील का उत्पादन लगभग बंद हो जायेगा। विश्व बाजार में चीनी की कुल उपलब्धता 40 से 50 लाख टन कम होने का अनुमान है इसलिए मध्य नवंबर के बाद विश्व बाजार में चीनी की कीमतों में सुधार आने से मध्य नवंबर के बाद चीनी के निर्यात पड़ते लगेंगे।
उत्पादन अनुमान में कमी की आशंका
उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र और कर्नाटक में पहले सूखा और बाद में बाढ़ से गन्ने की फसल को नुकसान हुआ है, जिस कारण पहली अक्टूबर 2019 से शुरू होने वाले नए पेराई सीजन में चीनी का उत्पादन घटकर 282 लाख टन ही होने का अनुमान है जोकि चालू पेराई सीजन के 330 लाख टन से 48 लाख टन कम है। पेराई सीजन के शुरू में चीनी मिलों के पास 142 से 145 लाख टन चीनी का रिकार्ड स्टॉक बचेगा। चीनी कारोबारी सुधीर भालोठिया ने बताया कि उत्तर प्रदेश में चीनी के एक फैक्ट्री भाव 3,350 से 3,400 रुपये और महाराष्ट्र में 3,150 से 3,200 रुपये प्रति क्विंटल है। दिल्ली में चीनी के भाव 3,600 रुपये प्रति क्विंटल है।
गन्ने की बुआई में आई कमी
कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू पेराई सीजन में गन्ने की बुआई घटकर 52.45 लाख हेक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 55.51 लाख हेकटेयर में हो चुकी थी। प्रमुख उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में गन्ने की बुआई चालू सीजन में घटकर 8.40 लाख हेक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 11 लाख हेक्टेयर में हुई थी। उत्तर प्रदेश में गन्ने की बुआई पिछले साल के 25.50 लाख हेक्टेयर से घटकर 24.94 लाख हेक्टेयर में ही हुई है। कर्नाटक में जरुर पिछले साल के 5 लाख हेक्टेयर से गन्ने की बुआई बढ़कर 5.84 लाख हेक्टेयर में हुई है। ........... आर एस राणा
नई दिल्ली। विश्व बाजार में चीनी की कुल उपलब्धता में 40 से 50 लाख टन की कमी आने की आशंका है, ऐसे में नवंबर मध्य के बाद भारत से चीनी के निर्यात सौदों में सुधार आने का अनुमान है। विश्व बाजार में इस समय चीनी की कीमतें नीचे बनी हुई है, इसलिए निर्यात पैरिटी नहीं लग रही है।
इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के महानिदेशक अबिनाश वर्मा ने आउटलुक को बताया कि विश्व बाजार में चीनी के दाम काफी नीचे आ गए हैं, जिस कारण सब्सिडी के बावजूद निर्यात पड़ते नहीं लग रहे हैं। उन्होंने बताया कि विश्व बाजार की कीमतों के हिसाब से चीनी के दाम 20 रुपये प्रति किलो मिल रहे हैं जबकि 10.50 रुपये प्रति किलो की सब्सिडी को मिलाकर भाव 30.50 रुपये प्रति किलो होता है। केंद्र सरकार ने चीनी का न्यूनतम बिक्री भाव 31 रुपये प्रति किलो तय किया हुआ है। जबकि मिलों को लागत इससे ज्यादा की आई है। उन्होंने बताया कि चीनी मिलें इवेंट्री कम करने के लिए थोड़ा बहुत निर्यात कर रही है।
विश्व बाजार में चीनी की उपलब्धता 40-50 लाख टन कम रहने का अनुमान
उन्होंने बताया कि चालू पेराई सीजन में अगस्त के मध्य तक केवल 37 से 38 लाख टन चीनी का ही निर्यात हुआ है जबकि निर्यात का लक्ष्य 50 लाख टन का था। पहली अक्टूबर 2019 से हमारे यहां चीनी का नया पेराई सीजन 2019-20 शुरू होगा, जबकि अक्टूबर के अंत तक ब्राजील का उत्पादन लगभग बंद हो जायेगा। विश्व बाजार में चीनी की कुल उपलब्धता 40 से 50 लाख टन कम होने का अनुमान है इसलिए मध्य नवंबर के बाद विश्व बाजार में चीनी की कीमतों में सुधार आने से मध्य नवंबर के बाद चीनी के निर्यात पड़ते लगेंगे।
उत्पादन अनुमान में कमी की आशंका
उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र और कर्नाटक में पहले सूखा और बाद में बाढ़ से गन्ने की फसल को नुकसान हुआ है, जिस कारण पहली अक्टूबर 2019 से शुरू होने वाले नए पेराई सीजन में चीनी का उत्पादन घटकर 282 लाख टन ही होने का अनुमान है जोकि चालू पेराई सीजन के 330 लाख टन से 48 लाख टन कम है। पेराई सीजन के शुरू में चीनी मिलों के पास 142 से 145 लाख टन चीनी का रिकार्ड स्टॉक बचेगा। चीनी कारोबारी सुधीर भालोठिया ने बताया कि उत्तर प्रदेश में चीनी के एक फैक्ट्री भाव 3,350 से 3,400 रुपये और महाराष्ट्र में 3,150 से 3,200 रुपये प्रति क्विंटल है। दिल्ली में चीनी के भाव 3,600 रुपये प्रति क्विंटल है।
गन्ने की बुआई में आई कमी
कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू पेराई सीजन में गन्ने की बुआई घटकर 52.45 लाख हेक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 55.51 लाख हेकटेयर में हो चुकी थी। प्रमुख उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में गन्ने की बुआई चालू सीजन में घटकर 8.40 लाख हेक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 11 लाख हेक्टेयर में हुई थी। उत्तर प्रदेश में गन्ने की बुआई पिछले साल के 25.50 लाख हेक्टेयर से घटकर 24.94 लाख हेक्टेयर में ही हुई है। कर्नाटक में जरुर पिछले साल के 5 लाख हेक्टेयर से गन्ने की बुआई बढ़कर 5.84 लाख हेक्टेयर में हुई है। ........... आर एस राणा
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