आर एस राणा
नई दिल्ली। भारी विरोध के कारण सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एमएमटीसी ने प्याज आयात के लिए मांग गई निविदा से पाकिस्तान का नाम हटा दिया है। कंपनी ने 2,000 टन प्याज का आयात करने की अपनी निविदा में सुधार करते हुए यह निर्देश दिया है कि पाकिस्तान को छोड़ अन्य देशों से प्याज का आयात किया जायेगा।
किसान संगठनों ने किया था विरोध
पिछले सप्ताह एमएमटीसी ने एक निविदा जारी करते हुए पाकिस्तान, मिस्र, चीन, अफगानिस्तान और अन्य क्षेत्रों से प्याज आयात करने की घोषणा की थी। किसान संगठनों ने इसका विरोध किया था जिसके बाद एमएमटीसी ने अपनी निविदा में सुधार करते हुए कहा है कि बोली लगाने वाली कंपनियां पाकिस्तान को छोड़कर देशों देशों से प्याज मंगा सकती हैं। किसान संगठनों का कहना है कि जब देश में प्याज की फसल आने वाली हैं ऐसे में प्याज का आयात करने की क्या जरूरत है? उसमें भी पाकिस्तान को क्यों शामिल किया गया?
अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी कर देने के बाद से भारत और पाकिस्तान के रिश्ते तनावपूर्ण
जम्मू और कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी कर दिये जाने के बाद से ही भारत और पाकिस्तान के रिश्ते तनावपूर्ण बने हुये हैं। पाकिस्तान ने इसके बाद से ही भारत के साथ अपने व्यापारिक रिश्तों को निलंबित कर दिया है।
नवंबर में आयेगी घरेलू फसल
एमएमटीसी ने कहा है कि प्याज आयात के लिये निविदा बोली 24 सितंबर से पहले सौंपनी होगी। यह बोली 10 अक्टूबर तक वैध होगी। आयात शिपमेंट नवंबर के अंतिम सप्ताह तक पहुंच जानी चाहिये। प्याज की खरीफ फसल की आवक घरेलू मंडियों में नवंबर में ही बनेगी, ऐसे में आयातित प्याज आने से घरेलू बाजार में इसकी कीमतों में गिरावट आयेगी, जिसका सीधा नुकसान किसानों को होगा। वैसे भी केंद्रीय पूल में प्याज का करीब 50 हजार टन का बफर स्टॉक है जबकि फसल सीजन 2018-19 में प्याज का उत्पादन भी पिछले साल की तुलना में ज्यादा ही होने का अनुमान है। ........... आर एस राणा
नई दिल्ली। भारी विरोध के कारण सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एमएमटीसी ने प्याज आयात के लिए मांग गई निविदा से पाकिस्तान का नाम हटा दिया है। कंपनी ने 2,000 टन प्याज का आयात करने की अपनी निविदा में सुधार करते हुए यह निर्देश दिया है कि पाकिस्तान को छोड़ अन्य देशों से प्याज का आयात किया जायेगा।
किसान संगठनों ने किया था विरोध
पिछले सप्ताह एमएमटीसी ने एक निविदा जारी करते हुए पाकिस्तान, मिस्र, चीन, अफगानिस्तान और अन्य क्षेत्रों से प्याज आयात करने की घोषणा की थी। किसान संगठनों ने इसका विरोध किया था जिसके बाद एमएमटीसी ने अपनी निविदा में सुधार करते हुए कहा है कि बोली लगाने वाली कंपनियां पाकिस्तान को छोड़कर देशों देशों से प्याज मंगा सकती हैं। किसान संगठनों का कहना है कि जब देश में प्याज की फसल आने वाली हैं ऐसे में प्याज का आयात करने की क्या जरूरत है? उसमें भी पाकिस्तान को क्यों शामिल किया गया?
अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी कर देने के बाद से भारत और पाकिस्तान के रिश्ते तनावपूर्ण
जम्मू और कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी कर दिये जाने के बाद से ही भारत और पाकिस्तान के रिश्ते तनावपूर्ण बने हुये हैं। पाकिस्तान ने इसके बाद से ही भारत के साथ अपने व्यापारिक रिश्तों को निलंबित कर दिया है।
नवंबर में आयेगी घरेलू फसल
एमएमटीसी ने कहा है कि प्याज आयात के लिये निविदा बोली 24 सितंबर से पहले सौंपनी होगी। यह बोली 10 अक्टूबर तक वैध होगी। आयात शिपमेंट नवंबर के अंतिम सप्ताह तक पहुंच जानी चाहिये। प्याज की खरीफ फसल की आवक घरेलू मंडियों में नवंबर में ही बनेगी, ऐसे में आयातित प्याज आने से घरेलू बाजार में इसकी कीमतों में गिरावट आयेगी, जिसका सीधा नुकसान किसानों को होगा। वैसे भी केंद्रीय पूल में प्याज का करीब 50 हजार टन का बफर स्टॉक है जबकि फसल सीजन 2018-19 में प्याज का उत्पादन भी पिछले साल की तुलना में ज्यादा ही होने का अनुमान है। ........... आर एस राणा
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