आर एस राणा
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने चीनी उद्योग को 6,000 करोड़ रुपये के राहत पैकेज में मोहर लगा दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में इस आश्य पर फैसला लिया गया। इससे चीनी की कीमतों में सुधार आने का अनुमान है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी कि इस वित्तीय वर्ष 2019-20 में लगभग 60 लाख टन चीनी का निर्यात किया जाएगा। इसके लिए 6 हजार 268 करोड़ रुपये के सब्सिडी को मंजूरी दी गई है। उन्होंने कहा कि इससे जहां चीनी के बकाया बफर स्टॉक से राहत मिलेगी, वहीं किसानों के बकाया भुगतान में भी तेजी आयेगी। इसके तहत चीनी मिलों को चीनी को निर्यात पर 10,448 रुपये प्रति टन की दर से सब्सिडी दी जायेगी।
प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि बकाया स्टॉक को देखते हुए चीनी निर्यात पॉलिसी को 2019-20 के सीजन के लिए मंजूरी दे दी है जिसमें लगभग 60 लाख टन चीनी का निर्यात चालू वित्त वर्ष में किया जाएगा। उन्होंने कहा कि शुगर एक्सपोर्ट सब्सिडी की रकम सीधे किसानों के खाते में जाएगी।
पहली अक्टूबर 2019 से चीनी का नया पेराई सीजन शुरू होने वाला है जबकि अभी चीनी मिलों पर किसानों का बकाया बचा हुआ है। सूत्रों के अनुसार उत्तर प्रदेश की चीनी मिलों पर करीब 6,000 करोड़ से ज्यादा का बकाया है। उद्योग के अनुसार नए पेराई सीजन के आरंभ में चीनी मिलों के पास 145 लाख टन चीनी का भारी भरकम बकाया स्टॉक बचने का अनुमान है। जानकारों के अनुसार महाराष्ट्र और कर्नाटक में गन्ने की फसल को पहले सूखे से और बाद में बाढ़ से नुकसान हुआ है इसलिए इन राज्यों में चीनी के उत्पादन में कमी आने की आशंका है।............ आर एस राणा
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने चीनी उद्योग को 6,000 करोड़ रुपये के राहत पैकेज में मोहर लगा दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में इस आश्य पर फैसला लिया गया। इससे चीनी की कीमतों में सुधार आने का अनुमान है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी कि इस वित्तीय वर्ष 2019-20 में लगभग 60 लाख टन चीनी का निर्यात किया जाएगा। इसके लिए 6 हजार 268 करोड़ रुपये के सब्सिडी को मंजूरी दी गई है। उन्होंने कहा कि इससे जहां चीनी के बकाया बफर स्टॉक से राहत मिलेगी, वहीं किसानों के बकाया भुगतान में भी तेजी आयेगी। इसके तहत चीनी मिलों को चीनी को निर्यात पर 10,448 रुपये प्रति टन की दर से सब्सिडी दी जायेगी।
प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि बकाया स्टॉक को देखते हुए चीनी निर्यात पॉलिसी को 2019-20 के सीजन के लिए मंजूरी दे दी है जिसमें लगभग 60 लाख टन चीनी का निर्यात चालू वित्त वर्ष में किया जाएगा। उन्होंने कहा कि शुगर एक्सपोर्ट सब्सिडी की रकम सीधे किसानों के खाते में जाएगी।
पहली अक्टूबर 2019 से चीनी का नया पेराई सीजन शुरू होने वाला है जबकि अभी चीनी मिलों पर किसानों का बकाया बचा हुआ है। सूत्रों के अनुसार उत्तर प्रदेश की चीनी मिलों पर करीब 6,000 करोड़ से ज्यादा का बकाया है। उद्योग के अनुसार नए पेराई सीजन के आरंभ में चीनी मिलों के पास 145 लाख टन चीनी का भारी भरकम बकाया स्टॉक बचने का अनुमान है। जानकारों के अनुसार महाराष्ट्र और कर्नाटक में गन्ने की फसल को पहले सूखे से और बाद में बाढ़ से नुकसान हुआ है इसलिए इन राज्यों में चीनी के उत्पादन में कमी आने की आशंका है।............ आर एस राणा
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