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12 सितंबर 2019

दालों का आयात 31 अक्टूबर तक ही करना होगा, केंद्र सरकार ने मिलों की मांग ठुकराई

आर एस राणा
नई दिल्ली। खरीफ सीजन की दालों की आवक का देखते हुए दाल मिलों की दलहन आयात की समय सीमा बढ़ाने की मांग केंद्र सरकार ठुकरा दी है इसलिए मिलर्स को अरहर, मूंग, उड़द और मटर का आयात 31 अक्टूबर 2019 तक ही करना चाहिए। इससे दलहन की कीमतों में हल्का सुधार तो बन सकता है लेकिन आयातित दालें सस्ती है, तथा अक्टूबर के आयात ज्यादा होगा इसलिए बड़ी तेजी की उम्मीद नहीं है।
विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार मिलों को तय कोटे के अनुसार दालों का आयात 31 अक्टूबर 2019 तक ही करना होगा। केंद्र सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2019-20 के लिए 4 लाख टन अरहर, डेढ़ लाख टन मूंग, डेढ़ लाख टन उड़द तथा डेढ़ लाख टन मटर के आयात की अनुमति दी हुई है। खरीफ दालों की आवक अक्टूबर में शुरू होती है इसलिए दालों के आयात की अनुमति 31 अक्टूबर 2019 तक ही है। चना और मसूर के आयात पर आयात शुल्क लगाया हुआ है।
एमएसपी से नीचे बिक रही हैं दालें
उत्पादक मंडियों में दालों के भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे बने हुए हैं जबकि अक्टूबर में खरीफ सीजन की उड़द और मूंग की आवक शुरू होगी, जिससे कीमतों में और गिरावट आने का अनुमान है। कर्नाटक की गुलबर्गा मंडी के दलहन कारोबारी चंद्रशेखर ने बताया कि मंडी में नई उड़द के भाव 5,500 से 5,600 रुपये प्रति क्विंटल है जबकि अरहर के भाव 5,600 रुपये प्रति क्विंटल है। केंद्र सरकार ने खरीफ विपणन सीजन 2019-20 के लिए उड़द का एमएसपी 5,700 रुपये और अरहर का एमएसपी 5,800 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है। मूंग का एमएसपी 7,050 रुपये प्रति क्विंटल है जबकि राजस्थान की मंडियों में मूंग 6,200 से 6,300 रुपये प्रति बिक रही है। मसूर का समर्थन मूल्य 4,475 रुपये प्रति क्विंटल है जबकि मसूर के भाव मंडियों में 4,000 से 4,100 रुपये प्रति क्विंटल है।
अक्टूबर के आखिर तक अरहर का आयात तय मात्रा के कम होने की आशंका
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2019-20 के पहले चार महीनों अप्रैल से जुलाई के दौरान अरहर का आयात 51,711 टन का, मसूर का आयात 2.47 लाख टन का और मटर का आयात 2.81 लाख टन का हुआ है। दिल्ली की लारेंस रोड मंडी के दलहन कारोबारी राधाकिशन गुप्ता ने बताया कि मद्रास हाईकोर्ट ने आयातकों को स्टे आर्डर दे दिया था, जिस कारण मटर का आयात तय मात्रा से ज्यादा हो चुका है। उन्होंने बताया कि अरहर का आयात 4 लाख टन करने की अनुमति दी हुई है जिसमें से जुलाई अंत तक 51,711 टन का ही आयात हुआ है ऐसे में अक्टूबर के आखिर तक कुल आयात तय मात्रा से कम ही होगा। उन्होंने बताया कि आयातित लेमन अरहर का भाव चैन्नई में 4,800 रुपये और उड़द एफएक्यू का भाव 4,600 रुपये तथा एसक्यू का भाव 5,900 रुपये प्रति क्विंटल है।
खरीफ में दालों की बुआई कम
कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में दालों की बुआई घटकर 130.04 लाख हेक्टेयर में ही हुई है जोकि पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 1.95 फीसदी घटी है। पिछले साल इस समय तक देशभर में 132.63 लाख हेक्टेयर में दालों की बुआई हो चुकी थी। मंत्रालय के चौथे आरंभिक अनुमान के अनुसार फसल सीजन 2018-19 में दालों का उत्पादन घटकर 234 लाख टन ही होने का अनुमान है जबकि पिछले साल 254.2 लाख टन दालों का उत्पादन हुआ था।.........   आर एस राणा

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