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07 सितंबर 2019

अगस्त में डीओसी के निर्यात में 73 फीसदी की भारी गिरावट-उद्योग

आर एस राणा
नई दिल्ली। विश्व बाजार में कीमतें कम होने के कारण डीओसी के निर्यात में अगस्त महीने में 73 फीसदी की भारी गिरावट आकर कुल निर्यात 98,871 टन का ही हुआ है जबकि पिछले साल अगस्त महीने में इनका निर्यात 3,59,752 टन का हुआ था। इस दौरान सोया डीओसी के साथ ही सरसों डीओसी के निर्यात में ज्यादा गिरावट दर्ज की गई।
सॉल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (एसईए) के अनुसार विश्व बाजार में डीओसी के कीमतें कम है जिसकी वजह से हमारे से निर्यात कम हो रहा है। अगस्त महीने में सोया डीओसी का निर्यात घटकर 32,226 टन का ही हुआ है जबकि जुलाई में इसका निर्यात 76,558 टन का हुआ था। इसी तरह से सरसों डीओसी का निर्यात जुलाई के 1,08,888 टन से घटकर अगस्त में केवल 41,328 टन का ही हुआ है।
पहले पांच महीने में निर्यात 23 फीसदी कम रहा
एसईए के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2019-20 के पहले पांच महीनों अप्रैल से अगस्त के दौरान डीओसी के निर्यात में 23 फीसदी की गिरावट आकर कुल निर्यात 10,16,682 टन का ही हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इनका निर्यात 13,26,626 टन का हुआ था। सोया डीओसी का निर्यात चालू वित्त वर्ष के पहले पाचं महीनों में घटकर 2,65,409 टन का ही हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 3,71,769 टन का हुआ था। सरसों डीओसी का निर्यात चालू वित्त वर्ष के अप्रैल से अगस्त के दौरान घटकर 4,14,805 टन का ही हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 5,65,007 टन का हुआ था।
कीमतों में आई है तेजी
सोया डीओसी के भाव भारतीय बंदरगाह पर चालू वित्त वर्ष के अगस्त में औसतन 433 डॉलर प्रति टन रहे जबकि पिछले साल अगस्त में इसका भाव 406 डॉलर प्रति टन था। इसी तरह से सरसों डीओसी का भाव पिछले साल के अगस्त महीने के 216 डॉलर प्रति टन से बढ़कर चालू साल के अगस्त में 220 डॉलर प्रति टन हो गया। केस्टर डीओसी का भाव इस दौरान 97 डॉलर प्रति टन से बढ़कर 108 डॉलर प्रति टन हो गया। चालू वित्त वर्ष के पहले पांच महीनों में वियतनाम ने डीओसी के आयात में 44.35 फीसदी की कमी कम कुल आयात 1,47,869 टन का ही आयात किया है। दक्षिण कोरिया और थाइलैंड ने चालू वित्त वर्ष में पिछले वित्त वर्ष की तुलना में क्रमश: 7.66 फीसदी और 12.60 फीसदी आयात कम किया है। हालांकि इस दौरान ताइवान ने आयात ज्यादा किया है।  ....  आर एस राणा

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