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28 सितंबर 2019

उत्तर प्रदेश की चीनी मिलों पर किसानों का 5,500 करोड़ से ज्यादा है बकाया

आर एस राणा
नई दिल्ली। गन्ने का नया पेराई सीजन पहली अक्टूबर 2019 से शुरू हो जायेगा जबकि अभी भी उत्तर प्रदेश की चीनी मिलों पर किसानों का 5,587 करोड़ रुपये बकाया है। रबी फसलों की बुआई का सीजन अगले महीने से शुरू हो रहा है, ऐसे में बकाया भुगतान नहीं मिलने से किसानों को खाद, बीज, कीटनाशक और डीजल की खरीद के लिए आर्थिक परेशानी उठानी पड़ रही है।
सूत्रों के अनुसार उत्तर प्रदेश की चीनी मिलों ने चालू पेराई सीजन में किसानों से 33,048 करोड़ रुपये का 10,296.31 क्विंटल गन्ना खरीदा था, जिसमें से 20 सितंबर तक भुगतान केवल 27,460 करोड़ रुपये का ही किया है। अत: अभी भी राज्य की चीनी मिलों पर गन्ना किसानों का 5,587 करोड़ रुपये बकाया है। तय मानकों के अनुसार चीनी मिलों को गन्ने की खरीद के 14 दिनों के अंदर किसानों को भुगतान करना होता है। राज्य की चीनी मिलों में पेराई बंद हुए महीनेभर से ज्यादा हो चुका है तथा सप्ताहभर बाद नया पेराई सीजन शुरू हो जायेगा।
बकाया में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी प्राइवेट चीनी मिलों पर
बकाया भुगतान में सबसे ज्यादा राज्य की 92 प्राइवेट चीनी मिलों पर 5,195 करोड़ रुपये तथा 24 कोआपरेटिव चीनी मिलों पर 458 करोड रुपये तथा निगम की तीन चीनी मिलों पर भी 33.86 करोड़ रुपये बकाया है। पेराई सीजन 2017-18 का भी राज्य की चीनी मिलों पर 40.54 करोड़ रुपये और पेराई सीजन 2016-17 का 22.29 करोड़ रुपये बचा हुआ है।
बकाया भुगतान नहीं होने से किसान परेशान
उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले के देहराचक गांव के गन्ना किसान जोगिंद्र आर्य ने आउटलुक को बताया कि वेव शुगर मिल में गन्ने की पेराई मई के पहले सप्ताह में बंद हो गई थी, जबकि अभी भी मेरा 75,000 रुपये का भुगतान मिल पर बकाया है। उन्होंने बताया कि बकाया के साथ ही उन्हें पांच महीने का ब्याज भी मिलना चाहिए। उन्होंने बताया कि अगले महीने से गेहूं और अन्य रबी फसलों की बुआई शुरू करनी है लेकिन चीनी मिलों द्वारा बकाया भुगतान नहीं किया जा रहा है। ऐसे में हमें मजबूरन साहूकारों से उंची दर पर उधार लेना पड़ेगा। ............  आर एस राणा

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