आर एस राणा
नई दिल्ली। पहली अक्टूबर 2019 से गन्ने का नया पेराई सीजन 2019-20 (अक्टूबर से सितंबर) आरंभ हो जायेगा लेकिन अभी भी राज्य की चीनी मिलों पर गन्ना किसानों का बकाया 6,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का बचा हुआ है। बकाया भुगतान नहीं मिलने से किसानों को भारी आर्थिक परेशानी उठानी पड़ रही है।
सूत्रों के अनुसार उत्तर प्रदेश की चीनी मिलों पर अभी भी राज्य के गन्ना किसानों का 6,043 करोड़ रुपये बचा हुआ है जबकि पंद्रह दिन बाद गन्ने का नया पेराई सीजन आरंभ हो जायेगा। चालू पेराई सीजन में राज्य की चीनी मिलों ने किसानों से 33,048.02 करोड़ रुपये का गन्ना खरीदा है जिसमें से 13 सितंबर तक 27,004.44 करोड़ रुपये का ही भुगतान किया है। बकाया में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी राज्य की 94 प्राइवेट चीनी मिलों की 5,626 करोड़ रुपये की है। इसके अलावा सहकारी चीनी मिलों पर गन्ना किसानों का 383 करोड़ रुपये और निगम की चीनी मिलों पर भी 33.86 करोड़ रुपये अभी भी बकाया है।
चीनी मिलें भुगतान नहीं कर रही, किसानों की कट रही हैं आरसी
राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के संयोजक वीएम सिंह ने कहा कि चीनी मिलें किसानों को बकाया का भुगतान कर नहीं रही है, जबकि किसानों की आरसी लगातार काटी जा रही है। जिससे राज्य के किसानों में रोष है। उन्होंने बताया कि बकाया और ब्याज की मांग को लेकर किसान बिजनौर कलक्ट्रेट में 13 दिन से धरना दिए हुए हैं। उन्होंने बताया कि बकाया और ब्याज की मांग को लेकर 17 सितंबर को बिजनौर में महापंचायत का आयोजन जायेगा, जिसमें आगे की रणनीति तय की जायेगी।
मुख्यमंत्री ने 31 अगस्त तक बकाया भुगतान के लिए कहा था
उन्होंने बताया कि राज्य के मुख्यमंत्री ने 31 अगस्त तक बकाया भुगतान की बात कही थी, लेकिन अब तो 15 सितंबर हो चुकी है। उन्होंने बताया कि अगले 15 दिनों के बाद नया पेराई सीजन आरंभ हो जायेगा। उन्होंने बताया कि तय नियमों के अनुसार चीनी मिलों को गन्ना किसानों को गन्ना खरीदने के 14 दिनों के अंदर भुगतान करना होता है, भुगतान नहीं होने पर चीनी मिलों को ब्याज देना होगा लेकिन मिलें न तो बकाया का भुगतान कर रही हैं, ना ही ब्याज दे रही है जिससे गन्ना किसानों को आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ............ आर एस राणा
नई दिल्ली। पहली अक्टूबर 2019 से गन्ने का नया पेराई सीजन 2019-20 (अक्टूबर से सितंबर) आरंभ हो जायेगा लेकिन अभी भी राज्य की चीनी मिलों पर गन्ना किसानों का बकाया 6,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का बचा हुआ है। बकाया भुगतान नहीं मिलने से किसानों को भारी आर्थिक परेशानी उठानी पड़ रही है।
सूत्रों के अनुसार उत्तर प्रदेश की चीनी मिलों पर अभी भी राज्य के गन्ना किसानों का 6,043 करोड़ रुपये बचा हुआ है जबकि पंद्रह दिन बाद गन्ने का नया पेराई सीजन आरंभ हो जायेगा। चालू पेराई सीजन में राज्य की चीनी मिलों ने किसानों से 33,048.02 करोड़ रुपये का गन्ना खरीदा है जिसमें से 13 सितंबर तक 27,004.44 करोड़ रुपये का ही भुगतान किया है। बकाया में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी राज्य की 94 प्राइवेट चीनी मिलों की 5,626 करोड़ रुपये की है। इसके अलावा सहकारी चीनी मिलों पर गन्ना किसानों का 383 करोड़ रुपये और निगम की चीनी मिलों पर भी 33.86 करोड़ रुपये अभी भी बकाया है।
चीनी मिलें भुगतान नहीं कर रही, किसानों की कट रही हैं आरसी
राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के संयोजक वीएम सिंह ने कहा कि चीनी मिलें किसानों को बकाया का भुगतान कर नहीं रही है, जबकि किसानों की आरसी लगातार काटी जा रही है। जिससे राज्य के किसानों में रोष है। उन्होंने बताया कि बकाया और ब्याज की मांग को लेकर किसान बिजनौर कलक्ट्रेट में 13 दिन से धरना दिए हुए हैं। उन्होंने बताया कि बकाया और ब्याज की मांग को लेकर 17 सितंबर को बिजनौर में महापंचायत का आयोजन जायेगा, जिसमें आगे की रणनीति तय की जायेगी।
मुख्यमंत्री ने 31 अगस्त तक बकाया भुगतान के लिए कहा था
उन्होंने बताया कि राज्य के मुख्यमंत्री ने 31 अगस्त तक बकाया भुगतान की बात कही थी, लेकिन अब तो 15 सितंबर हो चुकी है। उन्होंने बताया कि अगले 15 दिनों के बाद नया पेराई सीजन आरंभ हो जायेगा। उन्होंने बताया कि तय नियमों के अनुसार चीनी मिलों को गन्ना किसानों को गन्ना खरीदने के 14 दिनों के अंदर भुगतान करना होता है, भुगतान नहीं होने पर चीनी मिलों को ब्याज देना होगा लेकिन मिलें न तो बकाया का भुगतान कर रही हैं, ना ही ब्याज दे रही है जिससे गन्ना किसानों को आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ............ आर एस राणा
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें