आर एस राणा
नई
दिल्ली। सरकारी खरीद सुचारु रूप से नहीं होने के साथ ही सरकारी नियम कड़े
होने के कारण किसान को जहां मंडियों में व्यापारियों को मूंग समर्थन मूल्य
से 2,000-2,200 रुपये प्रति क्विंटल नीचे दाम पर बेचनी पड़ रही है, वही
बाजरा भी एमएपी से 500 से 550 रुपये प्रति क्विंटल कम भाव पर बिक रहा है।
राजस्थान
के अजमेर जिले की किशनगढ़ कृषि उपज मंडी में मूंग बेचने आए किसान गोपाल
शर्मा ने बताया कि उन्होंने पंजीयन तो करवा दिया था लेकिन अभी तक उनके पास
कोई मैसेज नहीं आया है जबकि उसे पैसे ही जरुरत है। इसलिए मंडी में उन्होंने
अपनी मूंग 4,700 रुपये प्रति क्विंटल के भाव व्यापारियों को बेची है, जबकि
केंद्र सरकार ने मूंग का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 6,975 रुपये प्रति
क्विंटल तय किया हुआ है।
अक्टूबर में हुई बेमौसम बारिश से क्वालिटी प्रभावित
मंडी
में मूंग बेचने आए एक अन्य किसान राजेंद्र कुमार ने बताया कि चालू महीने
के आरंभ में हुई बेमौसम बारिश से मूंग के दाने का रंग काला पड़ गया, जिस
कारण पंजाीकरण होने के बावजूद भी उनकी मूंग की क्रय केंद्र पर खरीद नहीं की
गई। इसलिए उन्हें मंडी में 4,500 रुपये प्रति क्विंटल के भाव बेचनी पड़ी।
बाजरा की सरकारी खरीद शुरू नहीं
राजस्थान
के भरतपुर जिले की कामा मंडी में बाजरा बेचने आए सत्यनारायण ने बताया कि
मंडी में बाजरा की सरकारी खरीद नहीं हो रही है जिस कारण बोली पर 1,400
रुपये प्रति क्विंटल के भाव बेचना पड़ा। केंद्र सरकार ने बाजरा का एमएसपी
1,950 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है।
खरीद नियम कड़े
सीकर
मंडी में मूंग बेचने आए किसान रामचंद्र के अनुसार राज्य सरकार ने खरीद
मानक इतने कड़े बनाए हुए हैं, उन्हें पूरा करना मुश्किल है। इसीलिए उन्हें
अपनी मूंग क्रय खरीद केंद्र के बजाए मंडी में व्यापारियों को बेचनी पड़ी।
बाजरा का उत्पादन में राज्य उग्रणी
राजस्थान
बाजरा उत्पादन में देश का अग्रणी राज्य है। राज्य के कृषि निदेशालय के
अनुसार इस बार राज्य में 41.11 लाख हेक्टेयर में बाजरा बोया गया था जिसमें
37.40 लाख टन बाजरा का उत्पादन होने का अनुमान है।.... आर एस राणा
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