आर एस राणा
नई
दिल्ली। मानसूनी सीजन में देश के कई राज्यों में सामान्य से कम बारिश होने
का असर रबी फसलों की बुवाई पर भी देखा जा रहा है। चालू रबी सीजन में फसलों
की बुवाई 19.87 पिछे चल रही है। दलहन, तिलहन के साथ ही मोटे अनाजों की
बुवाई पिछड़ी है, हालांकि गेहूं की बुवाई जरुर आगे चल रही है।
कृषि
मंत्रालय के अनुसार चालू रबी में अभी तक देशभर में 110.71 लाख हैक्टेयर
में ही रबी फसलों की बुवाई हो पाई है जबकि पिछले साल इस समय तक 138.16 लाख
हैक्टेयर में इनकी बुवाई हो चुकी थी। रबी की प्रमुख फसल गेहूं की बुवाई
बढ़कर चालू रबी सीजन में 15.19 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल
इस समय तक 12.65 लाख हैक्टेयर में ही इसकी बुवाई हो पाई थी।
चना, मसूर और मटर की बुवाई पिछड़ी
रबी
दलहन की बुवाई चालू सीजन में घटकर अभी तक केवल 39.05 लाख हैक्टेयर में ही
हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक 54.34 लाख हैक्टेयर में दालों की बुवाई हो
चुकी थी। रबी दलहन की प्रमुख फसल चना की बुवाई घटकर 27.14 लाख हैक्टेयर
में ही हुई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई 40.46 लाख
हैक्टेयर में हो चुकी थी। मसूर की बुवाई 3.11 लाख हैक्टेयर में और मटर की
2.49 लाख हैक्टेयर में हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक इनकी बुवाई क्रमश:
5.28 और 3.35 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी।
ज्वार की बुवाई पिछे, मक्का की आगे
मोटे
अनाजों की बुवाई चालू रबी में 37.56 फीसदी पिछे चल रही है तथा अभी तक इनकी
बुवाई केवल 14.14 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई है जबकि पिछले साल की समान
अवधि में इनकी बुवाई 22.65 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी। मोटे अनाजों में
ज्वार की बुवाई 10.80 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक
इसकी बुवाई 19.34 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी। मक्का की बुवाई जरुर पिछले
साल के 2.05 लाख हैक्टेयर से बढ़कर 2.47 लाख हैक्टेयर में हुई है।
सरसों के साथ मूंगफली की बुवाई घटी
रबी
तिलहन की बुवाई भी चालू सीजन में 9.21 फीसदी पिछे चल रही है तथा अभी तक
देशभर में इनकी बुवाई केवल 37.09 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले
साल इस समय तक 40.86 लाख हैक्टेयर में इनकी बुवाई हो चुकी थी। तिलहन की
प्रमुख फसल सरसों की बुवाई घटकर 34.70 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि
पिछले साल इस समय तक 37.05 लाख हैक्टेयर में इसकी बुवाई हो चुकी थी।
मूंगफली की बुवाई भी पिछले साल के 1.62 लाख हैक्टेयर से घटकर चालू रबी में
1.11 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई है। ............. आर एस राणा
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