आर एस राणा
नई
दिल्ली। पेराई सीजन आरंभ हुए महीना भर बीत जाने के बावजूद भी देश के सबसे
बड़े गन्ना उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में राज्य सरकार ने अभी तक गन्ने का
राज्य समर्थित मूल्य (एसएपी) तय नहीं किया है जबकि राज्य में दो चीनी
मिलों ने गन्ने की पेराई आरंभ कर दी है।
दीपावली से पहले एसएपी तय होने की उम्मीद
राज्य
के चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार
पहली अक्टूबर 2018 से शुरू हुए पेराई सीजन 2018-19 (अक्टूबर से सितंबर) के
लिए गन्ने का एसएपी दीपावली से पहले तय होने की उम्मीद हैं। उन्होंने बताया
कि इस बारे में एक बैठक हो चुकी है तथा जल्दी ही दूसरी बैठक होगी। उसके
बाद एसएपपी तय किए जाने की संभावना है। उन्होंने बताया कि बीते पेराई सीजन
में 26 अक्टूबर 2017 को गन्ने का एसएपी जारी कर दिया गया था।
पिछले पेराई सीजन में 10 रुपये की गई थी बढ़ोतरी
बीते
पेराई सीजन के लिए राज्य सरकार ने गन्ने की अगैती प्रजाति के लिए एसएपी
325 रुपये और सामान्य प्रजाति के लिए 315 रुपये प्रति क्विंटल तय किया था
तथा पिछले साल एसएपी 10 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाया गया था।
चीनी का उत्पादन 125 लाख टन होने का अनुमान
उन्होंने
बताया कि चालू पेराई सीजन में गन्ने की बुवाई में हुई बढ़ोतरी से राज्य
में चीनी का उत्पादन भी बढ़कर 125 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले
पेराई सीजन में राज्य में 120.45 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। सूत्रों
के अनुसार राज्य की चीनी मिलों पर अभी भी किसानों का करीब 7,000 करोड़
रुपये बकाया बचा हुआ है।
सप्ताहभर में दर्जनभर चीनी मिलों में पेराई होगी आरंभ
उन्होंने
बताया कि राज्य की दो चीनी मिलों ने गन्ने की पेराई आरंभ कर दी है, तथा
सप्ताहभर में करीब दर्जनभर चीनी मिलों में पेराई आरंभ हो जायेगी। पिछले
पेराई सीजन में राज्य में 119 चीनी मिलों में पेराई हुई थी। राज्य में
गन्ने की अगेती फसल पक कर तैयार हो चुकी है तथा चीनी मिलों में पेराई शुरू
होने में देरी होती है, तो रबी फसलों की बुवाई के लिए खेत खाली नहीं हो
पायेंगे जिससे किसानों को नुकसान होगा।..... आर एस राणा
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