आर एस राणा
नई
दिल्ली। केंद्र सरकार तिलहनों की कीमतों में सुधार लाने के लिए डीओसी के
निर्यात पर इनसेंटिव को 5 फीसदी से बढ़ाकर 10 फीसदी करने की तैयारी कर रही
है। सरकार का मकसद डीओसी के निर्यात को बढ़ावा देना है, जिसका असर तिलहन की
कीमतों पर भी पड़ेगा।
सूत्रों के अनुसार केद्र सरकार सरसों,
राइसब्रान, मूंगफली और केस्टर डीओसी के निर्यात पर इनसेंटिव को बढ़ाकर 10
फीसदी करेगी, जबकि वर्तमान में इनके निर्यात पर निर्यातकों को 5 फीसदी
इनसेंटिव मिल रहा है। सोया डीओसी के निर्यात पर इनेंसटिव पहले ही 10 फीसदी
है। डीओसी के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए इनसेंटिव को बढ़ाया जायेगा,
जिससे घरेलू बाजार में तिलहन की कीमतों में सुधार आने का अनुमान है।
सरसों के साथ केस्टर और मूंगफली डीओसी का निर्यात बढ़ने की उम्मीद
सोयाबीन
प्रोससेर्स एसोसिएशन आॅफ इंडिया (सोपा) के उपाध्यक्ष नरेश गोयनका ने बताया
कि इनसेंटिव में बढ़ोतरी से सरसों के साथ ही मूंगफली और केस्टर डीओसी के
निर्यातकों को फायदा होगा। उन्होंने बताया कि सरसों डीओसी के निर्यात में
चालू वित्त वर्ष 2018-19 के पहले सात महीनों अप्रैल से अक्टूबर के दौरान
अच्छी बढ़ोतरी हुई है, इनसेंटिव बढ़ाने पर इसका निर्यात आगे और बढ़ेगा।
अप्रैल से अक्टूबर के दौरान सरसों डीओसी का निर्यात 6,80,216 टन का हुआ है
जबकि पिछले वित्त वर्ष 2017-18 की समान अवधि में इसका निर्यात 3,23,358 टन
का ही हुआ था।
अक्टूबर में डीओसी निर्यात में आई भारी गिरावट
साल्वेंट
एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन आॅफ इंडिया (एसईए) के अनुसार अक्टूबर में डीओसी
के निर्यात में 58 फीसदी की भारी गिरावट आकर कुल निर्यात 84,183 टन का ही
हुआ था जबकि पिछले साल अक्टूबर में 2,00,158 टन डीओसी का निर्यात हुआ था।
चालू
वित्त वर्ष 2018-19 के अप्रैल से अक्टूबर के दौरान डीओसी का निर्यात 6.5
फीसदी फीसदी बढ़कर 15,82,589 टन का हुआ है जबकि इसके पिछले वित्त वर्ष
2017-18 की समान अवधि में इनका निर्यात 14,86,036 टन का ही हुआ है। ............. आर एस राणा
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