आर एस राणा
नई
दिल्ली। केंद्र सरकार की सख्ती से पहली छमाही में दालों के आयात में 67
फीसदी की भारी कमी आई है, हालांकि उत्पादक दालों के भाव न्यूनतम समर्थन
मूल्य (एमएसपी) से 1,000 से 1,500 रुपये प्रति क्विंटल से नीचे ही बने हुए
हैं।
कृषि मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चालू वित्त
वर्ष 2018-19 के अप्रैल से सितंबर के दौरान दालों का आयात घटकर 10.73 लाख
टन का ही हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष 2017-18 की समान अवधि में 32.96 लाख
टन दालों का आयात हुआ था। मूल्य के हिसाब से चालू वित्त वर्ष 2018-19 की
पहली छमाही में 3,097 करोड़ रुपये मूल्य की दालों का आयात हुआ है जबकि
पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 11,893 करोड़ रुपये मूल्य की दालों का
आयात हुआ था।
मंडियों में समर्थन मूल्य से भाव नीचे
दलहन
कारोबारी चंद्रशेखर एस नादर ने बताया की गुलबर्गा मंडी में गुरूवार को
उड़द के भाव 4,200 से 4,500 रुपये प्रति क्विंटल रहे। केंद्र सरकार ने खरीफ
विपणन सीजन 2018-19 के लिए उड़द का एमएसपी 5,600 रुपये प्रति क्विंटल तय
किया हुआ है। इसी तरह से मंडी में अरहर भी 4,000 से 4,400 रुपये तथा मूंग
5,500 से 6,000 रुपये प्रति क्विंटल बिक रही है।
नेफेड लगातार
दालों की बिक्री कर रही है, तथा नेफेड के पास दालों का बकाया स्टॉक ज्यादा
है इसलिए जब तक नेफेड की बिकवाली बंद नहीं होगी, दालों की कीमतों में बड़ी
तेजी की संभावना नहीं हैं। चालू खरीफ में अरहर और उड़द की पैदावार में कमी
आने की आशंका है।
दलहन निर्यात में हुई बढ़ोतरी
वाणिज्य
एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2018-19 की पहली छमाही
अप्रैल से सितंबर के दौरान 1,71,656 टन दालों का निर्यात हुआ है जबकि पिछले
वित्त वर्ष 2017-18 की समान अवधि में 74,406 टन दालों का निर्यात हुआ था।
मूल्य के हिसाब से दालों का निर्यात चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में
1,054 करोड़ रुपये का हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में केवल
724 करोड़ रुपये का ही निर्यात हुआ था।
दलहन आयात पर सख्ती
केंद्र
सरकार ने मटर के आयात पर एक लाख टन की मात्रा तय कर रखी है, तथा तय मात्रा
का आयात पहले ही हो चुकी है। इसलिए मटर का आयात वर्तमान में नहीं हो रहा
है जबकि देश में दालों के कुल आयात में मटर की हिस्सेदारी 50 फीसदी से
ज्यादा की होती है। वित्त वर्ष 2017-18 में दालों का कुल आयात 56.1 लाख टन
का हुआ था, जिसमें मटर की हिस्सेदारी 28.70 लाख टन की थी। इसी तरह से अरहर
के आयात की 2 लाख टन की और मूंग तथा उड़द के आयात की दिसंबर आखिर तक 1.50
लाख टन की मात्रा तय कर रखी है। चना और और मसूर के आयात पर क्रमश: 50 और 30
फीसदी का आयात शुल्क लगा रखा है।
दलहन का रिकार्ड उत्पादन
कृषि
मंत्रालय के चौथे आरंभिक अनुमान के अनुसार फसल सीजन 2017-18 में दालों का
रिकार्ड 252.3 लाख टन का उत्पादन हुआ है जोकि इसके पिछले साल के 231.3 लाख
टन से ज्यादा है।...... आर एस राणा
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