आर एस राणा
नई
दिल्ली। भारत चीन को कच्ची चीनी (रॉ-शुगर) का निर्यात करेगा। वाणिज्य एवं
उद्योग मंत्रालय के अनुसार भारतीय चीनी उद्योग और चीन की सार्वजनिक कंपनी
कॉफको के बीच 15,000 टन रॉ-शुगर के निर्यात अनुबंध पर हस्ताक्षर हुए हैं
तथा चीन को करीब 20 लाख टन चीनी के निर्यात की योजना है।
मंत्रालय
द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार भारत से चीन को रॉ-शुगर का निर्यात अगले
साल से शुरू हो जायेगा। इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) और चीन के
सार्वजनिक उपक्रम कॉफकों के बीच इस बाबत अनुबंध हुआ है। इससे घरेलू बाजार
में चीनी के बंपर स्टॉक को खपाने में मदद मिलने की संभावना है।
बीते
पेराई सीजन 2017-18 में देश में रिकार्ड 325 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ
था, जबकि पहली अक्टूबर 2018 से शुरू हुए चालू पेराई सीजन 2018-19 (अक्टूबर
से सितंबर) के दौरान उद्योग ने 320 लाख टन चीनी उत्पादन का अनुमान जारी
किया है। अत: पिछले दो सालों से चीनी के बंपर उत्पादन के कारण ही घरेलू
बाजार में चीनी की उपलब्धता ज्यादा होने के कारण घरेलू बाजार में दाम भी कम
हो गए थे, जिस कारण चीनी मिलों को किसानों के बकाया भुगतान में भी देरी
हुई, तथा अभी भी उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र की चीनी मिलों पर किसानों का
बकाया बचा हुआ है।
वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार गैर-बासमती चावल
के बाद रॉ-शुगर दूसरा ऐसा उत्पाद है जो चीन, भारत से आयात करेगा। चीन के
साथ भारत के 60 अरब अमरीकी डालर के व्यापार घाटे को कम करने के लिए यह कदम
महत्वपूर्ण माना जा रहा है। वर्ष 2017-18 में चीन को होने वाला भारत का
निर्यात 33 अरब अमेरिकी डॉलर का था, जबकि चीन से आयात 76.2 अरब अमेरिकी
डॉलर का हुआ था।
भारत सरकार चीनी निर्यात को बढ़ावा देने के लिए चीन और इंडोनेशिया समेत कई अन्य देशों के साथ बातचीत कर रही है।
भारतीय चीनी उच्च गुणवत्ता की
मंत्रालय
के अनुसार भारतीय चीनी उच्च गुणवत्ता की है। गन्ना कटाई से लेकर पेराई तक
के काम में न्यूनतम समय लगने के कारण भारतीय चीनी डेक्सट्रान मुक्त है
इसलिए भारत चीन के लिए भारी मात्रा में उच्च गुणवत्ता वाली चीनी के नियमित
और भरोसेमंद निर्यातक बनने की स्थिति में है।....... आर एस राणा
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