आर एस राणा
नई
दिल्ली। चालू वित्त वर्ष 2018-19 की पहली छमाही में गैर-बासमती चावल के
निर्यात में आई गिरावट को देखते हुए केंद्र सरकार ने निर्यात पर निर्यातकों
को 5 फीसदी एनसेंटिव देने का फैसला किया है। गैर-बासमती चावल के निर्यात
पर निर्यातकों को अगले चार महीने मार्च 2019 तक इनसेंटिव का लाभ मिलेगा।
विदेश
व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) द्वारा जारी अधिूसचना के अनुसार
गैर-बासमती चावल के निर्यात पर निर्यातकों को 26 नवंबर 2018 से 25 मार्च
2019 तक पांच फीसदी का इनसेंटिव दिया जायेगा। इससे गैर-बासमती चावल के
निर्यात में तेजी आने का अनुमान है।
पहली छमाही में निर्यात 13.13 फीसदी घटा
वाणिज्य
एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2018-19 के पहले छह महीनों
अप्रैल से सितंबर के दौरान गैर-बासमती चावल के निर्यात में 13.13 फीसदी की
गिरावट आकर कुल निर्यात 37.23 लाख टन का ही हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष
2017-18 की समान अवधि में इसका निर्यात 42.86 लाख टन का हुआ था।
बंगलादेश ने किया है सबसे ज्यादा आयात
मूल्य
के हिसाब से चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही अप्रैल से सितंबर के दौरान
गैर-बासमती चावल का निर्यात 10,426 करोड़ रुपये का ही हुआ है जबकि पिछले
वित्त वर्ष 2016-17 की समान अवधि में इसका निर्यात 22,236 करोड़ रुपये का
हुआ था। चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में गैर-बासमती चावल का सबसे ज्यादा
आयात बंगलादेश, सेनेगल, नेपाल और बहरीन और इंडोनेशिया ने किया है।
पिछले वित्त वर्ष में बढ़ा था निर्यात
एपीडा
के अनुसार वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान गैर बासमती चावल का निर्यात
86,48,488 टन का 22,967.82 करोड़ रुपये का हुआ था जोकि इसके पिछले वित्त
वर्ष 2016-17 के 16,929.88 करोड़ रुपये से ज्यादा है।
घरेलू बाजार में भाव में आयेगा सुधार
खुरानिया
एग्रो के प्रबंधक रामनिवास ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा इनसेंटिव
घोषित करने से घरेलू बाजार में गैर-बासमती चावल की कीमतों में तो सुधार
आयेगा ही, साथ ही निर्यातकों को भी इसका फायदा मिलेगा, तथा निर्यात सौदों
में तेजी आयेगी।
उत्पादन बढ़ने का अनुमान
कृषि
मंत्रालय के पहले आरंभिक अनुमान के अनुसार खरीफ सीजन 2018-19 में चावल का
उत्पादन बढ़कर 992.4 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले खरीफ सीजन में
975 लाख टन चावल का उत्पादन हुआ था। ............... आर एस राणा
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें