आर एस राणा
नई
दिल्ली। पहली अक्टूबर 2018 से गन्ने का नया पेराई सीजन तो शुरू हो चुका है
लेकिन हरियाण की चीनी मिलें 15 नवंबर के बाद ही गन्ने की पेराई आरंभ
करेंगी। राज्य सरकार ने अभी तक चालू पेराई सीजन 2018-19 (अक्टूबर से
सितंबर) के लिए गन्ने का राज्य समर्थित मूल्य (एसएपी) भी तय नहीं किया है।
हरियाणा
के सहायक गन्ना आयुक्त रविन्द्र हुड्डा ने आउटलुक को बताया कि राज्य की
चीनी मिलों में 15 नवंबर के बाद ही पेराई आरंभ होने का अनुमान है। उन्होंने
बताया कि राज्य की तीन प्राइवेट चीनी मिलों पर किसानों का अभी भी करीब 70
करोड़ रुपये बकाया बचा हुआ है। उम्मीद है कि जल्दी ही बकाया का भुगतान चीनी
मिलें किसानों को कर देंगी।
एसएपी मध्य नवंबर तक तय होने का अनुमान
उन्होंने
बताया कि चालू पेराई सीजन के लिए अभी तक राज्य सरकार ने गन्ने का एसएपी तय
नहीं किया है, उम्मीद है 15 नवंबर तक एसएपी भी तय हो जायेगा। उन्होंने
बताया कि पिछले पेराई सीजन 2017-18 में राज्य में गन्ने का एसएपी 320 से
330 रुपये प्रति क्विंटल (किस्म अनुसार) था जोकि देश के अन्य राज्यों की
तुलना में ज्यादा था।
चीनी उत्पादन ज्यादा होने का अनुमान
उन्होंने
बताया कि चालू पेराई सीजन 2018-19 के दौरान राज्य में 8.99 लाख टन चीनी के
उत्पादन का अनुमान है जबकि पिछले पेराई सीजन में राज्य में 8.43 लाख टन
चीनी का उत्पादन हुआ था। उन्होंने बताया कि पिछले पेराई सीजन में गन्ने में
औसतन रिकवरी की दर 10.39 फीसदी की आई थी, जबकि चालू पेराई सीजन में औसत
रिकवरी की दर 10.40 फीसदी आने का अनुमान है।
उद्योग के उत्पादन अनुमान में की कटौती
इंडियन
शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) द्वारा जारी अग्रिम अनुमान के अनुसार हरियाणा
में चालू पेराई सीजन 2018-19 में चीनी का उत्पादन घटकर 7.73 लाख टन ही
होने का अनुमान है जबकि पिछले साल 8.44 लाख टन का उत्पादन हुआ था।............. आर एस राणा
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