आर एस राणा
नई
दिल्ली। चालू वित्त वर्ष 2018-19 की पहली छमाही में केस्टर तेल के निर्यात
में 16.53 फीसदी की कमी आकर कुल निर्यात 2,78,425 टन का ही हुआ है जबकि
पिछले वित्त वर्ष 2017-18 की समान अवधि में इसका निर्यात 3,33,590 टन का
हुआ था।
मूल्य के हिसाब से 25 फीसदी से ज्यादा गिरावट
साल्वेंट
एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) के अनुसार मूल्य के हिसाब से
चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही अप्रैल से तिसंबर के दौरान मूल्य के हिसाब
से केस्टर तेल के निर्यात में 25.41 फीसदी की गिरावट आकर कुल 2,502.22
करोड़ रुपये मूल्य का ही निर्यात हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान
अवधि में 3,354.64 करोड़ रुपये का निर्यात हुआ था। वित्त वर्ष 2017-18 के
दौरान कुल 6,39,390 टन केस्टर तेल का निर्यात 6,237.96 करोड़ रुपये का
निर्यात हुआ था।
घरेलू बाजार में केस्टर सीड के भाव तेज
केस्टर
तेल की निर्यातक फर्म ओसवाल एग्री इम्पैक्स के मैनेजिंग डायरेक्टर कुशल
राज पारिख ने बताया कि केस्टर तेल का सबसे बड़ा आयातक देश चीन है तथा चालू
वित्त वर्ष में चीन की आयात मांग कम रही है। उन्होंने कहा कि चालू सीजन में
गुजरात के पाटन, मेहसाणा के साथ ही सौराष्ट्र और कच्छ में बारिश सामान्य
से काफी कम हुई है जिस कारण केस्टर सीड की पैदावार कम होने की आशंका है,
इसीलिए घरेलू बाजार में केस्टर सीड की कीमतों में महीनेभर में 1,000 रुपये
प्रति क्विंटल की तेजी आकर भाव 5,800 से 5,900 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
उन्होंने
बताया कि केस्टर सीड की पैदावार राज्य सरकार के अनुमान से भी कम होने की
आशंका है, इसलिए भाव में मंदे की उम्मीद नहीं है। महीनेभर में भाव 1,000
रुपये से ज्यादा बढ़ चुके हैं, इसलिए एक बार भाव रुक सकते हैं, लेकिन
भविष्य तेजी का ही है।
केस्टर तेल का निर्यात 8 से 10 फीसदी घटने की आशंका
उन्होंने
बताया कि विश्व बाजार में केस्टर तेल के निर्यात सौदे 1,750 से 1,760 डॉलर
प्रति टन की दर से हो रहे हैं, लेकिन निर्यात मांग काफी कमजोर है। घरेलू
बाजार में कीमतों में आई तेजी का असर भी निर्यात सौदों पर पड़ेगा, अत: चालू
वित्त वर्ष में कुल निर्यात में 8 से 10 फीसदी की कमी आने की आशंका है।
केस्टर सीड के उत्पादन अनुमान में कमी
गुजरात
के कृषि निदेशालय के अनुसार चालू खरीफ में केस्टर सीड का उत्पादन पिछले
साल की तुलना में 3.11 लाख टन कम होकर 11.73 लाख टन ही होने का अनुमान है
जबकि पिछले साल राज्य में 14.84 लाख टन का उत्पादन हुआ था। केस्टर सीड की
नई फसल की आवक जनवरी में बनेगी, तथा फरवरी में आवक बढ़ेगी।..... आर एस राणा
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