आर एस राणा
नई
दिल्ली। कपास में इस समय बंगलादेश के साथ ही अन्य देशों की आयात मांग
अच्छी बनी हुई है। पहली अक्टूबर 2018 से शुरू हुए चालू सीजन में अभी तक
करीब 10 लाख गांठ (एक गांठ-170 किलो) कपास के निर्यात सौदे हो चुके हैं।
विश्व बाजार में कपास की कुल उपलब्धता कम होने से चालू सीजन में भारत से
कपास के निर्यात में बढ़ोतरी होने की संभावना है।
नार्थ इंडिया
कॉटन एसोसिएशन आॅफ इंडिया के अध्यक्ष राकेश राठी ने बताया कि कपास में इस
समय निर्यात मांग अच्छी बनी हुई है, खासकर के बंगलादेश की आयात मांग ज्यादा
है। बंगलादेश को दिसंबर के निर्यात सौदे 83 से 84 सेंट प्रति पाउंड की दर
से हो रहे है। उन्होंने बताया कि अहमदाबाद में शंकर-6 किस्म की कपास का भाव
मंगलवार को 46,500 से 47,200 रुपये प्रति कैंडी (एक कैंडी-356 किलो) रहा।
कॉटन
एसोसिएशन आफ इंडिया (सीएआई) के अध्यक्ष अतुल एस. गणात्रा के अनुसार चालू
सीजन में कपास का उत्पादन 348 लाख गांठ ही होने का अनुमान है जबकि पिछले
साल में 365 लाख गांठ का उत्पादन हुआ था। उन्होंने बताया कि इस समय उत्पादक
मंडियों में कपास की दैनिक आवक सवा लाख गांठ से ज्यादा की हो रही है, तथा
अभी आवकों का दबाव बना रहेगा। इसलिए घरेलू मंडियों में भाव रुके रह सकते
हैं। दैनिक आवकों के दबाव से कपास की मौजूदा कीमतों में 500 से 1,000 प्रति
कैंडी की गिरावट तो आ सकता है लेकिन गिरावट आने पर खरीद ही करनी चाहिए
क्योंकि भविष्य तेजी का ही है।
उन्होंने बताया कि अमेरिका और
आस्ट्रेलिया के साथ ही कई अन्य कई देशों में कपास की पैदावार कम होने का
अनुमान है, इसलिए भारत से चालू सीजन में कपास का कुल निर्यात बढ़ सकता है।
हालांकि यह चीन की आयात मांग कैसी रहती है, इस पर भी निर्भर करेगा। बीते
सीजन भारत से 69 लाख गांठ कपास का निर्यात हुआ था।
कॉटन
कार्पोरेशन आॅफ इंडिया (सीसीआई) के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार उत्पादक
मंडियों में कपास के भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से उंचे बने हुए
हैं, इसलिए निगम ने अभी खरीद शुरू नहीं की है। उन्होंने बताया कि जैसे ही
मंडियों में कपास के भाव एमएसपी से नीचे आयेंगे, हम खरीद शुरू कर देंगे।
उन्होंने बताया कि कपास की कार्मिशयल खरीद सीसीआई दीपावली के बाद शुरू
करेगी।............ आर एस राणा
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