आर एस राणा
नई
दिल्ली। महंगे खाद, बीज और डीजल से खेती की लागत बढ़ गई है। चालू रबी सीजन
में गेहूं किसानों को बुवाई के लिए ही प्रति एकड़ 1,000 से 1,100 रुपये
ज्यादा खर्च करने पड़ रहे हैं।
हरियाणा के गोहाना के किसान
राजेश कुमार ने बताया कि डीएपी खाद का भाव पिछले साल की तुलना में 220
रुपये बढ़कर 1,400 प्रति बैग (एक बैग-50 किलो) हो गया जबकि गेहूं के बीज का
कट्टा 80 रुपये बढ़कर भाव 1,180 रुपये प्रति बैग (एक बैग-40 किलो) हो गया
है। इसके अलावा डीजल की कीमतों में हुई बढ़ोतरी से खेत की एक बार की जुताई
में ही पिछले साल की तुलना में 100 से 150 रुपये की बढ़ोतरी हो चुकी है।
गेहूं की बुवाई के लिए कम से कम पांच से छह बार खेत की जुताई करनी पड़ती
है।
बुवाई खर्च में ही 1,100 की बढ़ोतरी का अनुमान
उन्होंने
बताया कि डीजल महंगा होने से डीजल पंप से सिंचाई की लागत भी 150 से 200
रुपये प्रति एकड़ बढ़ गई है। अत: गेहूं की बुवाई की लागत पिछले साल की
तुलना में 1,000 से 1,100 रुपये प्रति एकड़ ज्यादा हो गई है। उन्होंने
बताया कि डीजल के भाव बढ़कर 73 रुपये प्रति लीटर से ज्यादा हो गए हैं, जबकि
पिछले साल इन दिनों 59 रुपये प्रति लीटर डीजल मिल रहा था।
डीएपी खाद 220 रुपये महंगी
उत्तर
प्रदेश के बुलंदशहर स्थित खाद बीज विक्रेता अग्रवाल एजेंसी के प्रबंधक
मुकेश कुमार ने बताया कि डीएपी खाद के बैग का भाव 1,400 रुपये हो गया जबकि
पिछले रबी सीजन में इसका भाव 1,180 रुपये प्रति बैग था। इस दौरान गेहूं के
बीज का भाव 1,040 से 1,080 रुपये से बढ़कर 1,140 से 1,180 रुपये प्रति बैग
(एक बैग-40 किलो) हो गया। यूरिया खाद का भाव तो 299 रुपये प्रति बैग ही है,
लेकिन इसका वजन 50 किलो से घटाकर 45 किलो कर दिया है।
गेहूं की खेती पर कुल खर्च 25-30 फीसदी बढ़ेगा
उत्तर
प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के गांव खरड़ के किसान सुरेंद्र कुमार मलिक ने
बताया कि गेहूं की बुवाई से पहले खेत की चार से छह बार जुताई करनी पड़ती है
जबकि सालभर में डीजल के दाम 20 फीसदी से ज्यादा बढ़ चुके हैं। इसीलिए
जुताई, बुवाई और सिंचाई का खर्च ज्यादा बढ़ गया है। उन्होंने बताया कि
गेहूं की बुवाई के बाद करीब चार से पांच बार सिंचाई करनी पड़ती है, इसके
अलावा कीटनाशकों के दाम भी बढ़ गए हैं। डीजल की कीमतों में हुई बढ़ोतरी से
कंबाइन से कटाई, थ्रेसिंग और मंडी ले जाने का खर्च भी बढ़ जायेगा, अत: चालू
रबी में गेहूं की फसल पर कुल खर्च पिछले साल से 25 से 30 फीसदी प्रति एकड़
के हिसाब से ज्यादा आयेगा।
समर्थन मूल्य में मामूली बढ़ोतरी कम
उन्होंने
बताया कि गेहूं की खेती में आने वाले कुल खर्च के मुकाबले समर्थन मूल्य
में मामूली बढ़ोतरी की गई है। केंद्र सरकार ने रबी विपणन सीजन 2018-19 के
लिए गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में केवल 105 रुपये की बढ़ोतरी
कर भाव 1,840 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है।...... आर एस राणा
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