आर एस राणा
नई
दिल्ली। उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों का पिछले पेराई सीजन का बकाया अभी
भी चीनी मिलों पर बचा हुआ है जबकि चालू पेराई सीजन 2018-19 (अक्टूबर से
सितंबर) के लिए राज्य सरकार ने अभी तक गन्ने का राज्य समर्थित मूल्य
(एसएपी) भी तय नहीं किया है। गेहूं की बुवाई के लिए किसानों को खेत खाली
करने हैं लेकिन मिलों द्वारा पर्याप्त मात्रा में पर्चियां नहीं दी जा रही
है जिससे गन्ना किसानों के सामने संकट खड़ा हो गया है।
समय से खेत खाली नहीं हुए तो, नहीं कर पायेंगे गेहूं की बुवाई
उत्तर
प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के खरड़ गांव निवासी किसान मनोज मलिक ने बताया
कि 15 बीघे में अगेती प्रजाति का गन्ना काटकर गेहूं की बुवाई करनी है,
लेकिन भैसाना शुगर मिल ने अभी तक केवल दो पर्चियां ही जारी की है। नवंबर
महीना समाप्त होने वाला है, ऐसे में लगता है नहीं कि समय पर खेत खाली हो
पायेगा और गेहूं की बुवाई हो जायेगी। उन्होंने बताया कि अभी तक राज्य सरकार
ने गन्ने का एसएपी ही तय नहीं किया है, अत: भाव को लेकर भी असमंजस की
स्थिति बनी हुई है। मलिक ने बताया कि पिछले पेराई सीजन का भी चीनी मिल ने
जनवरी तक का ही भुगतान किया है, जिससे आर्थिक परेशानी उठानी पड़ रही है।
गन्ने की खरीद और पेराई का कार्य की रफ्तार धीमी
वेव
शुगर मिल के सामने ट्रेक्टर में गन्ना लेकर खड़े अमरोहा जिले के देहरा चक
गांव के किसान जोगिंद्र आर्य ने बताया कि मिल के बाहर गन्ने लेकर खड़ी
गाड़ियों की दो किलोमिटर लंबी लाईन लगी हुई है, जबकि मिले के अंदर जो
गाड़िया खड़ी है वह अलग हैं। उन्होंने बताया कि पर्जी जारी होने के 72 घंटे
के अंदर मिल में गन्ने की तुलाई हो जानी चाहिए, लेकिन लंबी लाईन को देखते
हुए उन्हें नहीं लगता कि वह समय पर अंदर पहुंच पायेगा।
उन्होंने
बताया कि 6 एकड़ में गन्ना लगा रखा है जिसमें से दो एकड़ में गेहूं की
बुवाई करनी है लेकिन शुगर मिल ने अभी तक केवल दो पर्चियां ही जारी की है।
मिल में गन्ने की खरीद और पेराई का कार्य बहुत ही धीमी गति से चल रहा है।
उन्होंने बताया कि पहले चीनी मिल चालू होने का इंतजार करना पड़ा और अब पर्ची
का इंतजार करना पड़ रहा है। बीते पेराई सीजन का भुगतान नहीं होने से गेहूं
की बुवाई के लिए बीज और खाद खरीदने के लिए पैसे का इंतजाम करना भी मुश्किल
हो रहा है।
बीते पेराई सीजन में एसएपी 10 रुपये बढ़ाया था
उत्तर
प्रदेश में बीते पेराई सीजन 2017-18 के लिए राज्य सरकार ने गन्ने की अगैती
प्रजाति के लिए एसएपी 325 रुपये और सामान्य प्रजाति के लिए 315 रुपये
प्रति क्विंटल तय किया था तथा पिछले साल एसएपी में 10 रुपये प्रति क्विंटल
की बढ़ोतरी की गई थी।
किसानों का चीनी मिलों पर अभी भी 6,804 करोड़ रुपये है बकाया
गन्ना
पेराई सीजन 2018-19 (अक्टूबर से सितंबर) शुरू हुए करीब दो महीने होने वाले
है लेकिन अभी भी गन्ना किसानों का उत्तर प्रदेश की चीनी मिलों पर पेराई
सीजन 2017-18 का बकाया 6,804 करोड़ रुपया बचा हुआ है।
चीनी उत्पादन ज्यादा होने का अनुमान
उत्तर
प्रदेश के गन्ना विकास विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार चालू पेराई
सीजन में राज्य में 125 लाख टन चीनी के उत्पादन का अनुमान है जोकि पिछले
पेराई सीजन के 120.49 लाख टन से ज्यादा है। यूपी शुगर मिल्स एसोसिएशन
(यूपीएसएमए) पहली अक्टूबर 2018 से शुरू हुए चालू पेराई सीजन 2018-19 में
उत्तर प्रदेश में 20 नवंबर तक चीनी का उत्पदन 16.70 फीसदी घटकर 3.84 लाख टन
का ही हुआ है जबकि पिछले पेराई सीजन की समान अवधि में 4.61 लाख टन चीनी का
उत्पादन हुआ था।............. आर एस राणा
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