आर एस राणा
नई
दिल्ली। राज्य में मानसूनी बारिश सामान्य से कम होने के कारण किसानों को
संकट का सामना करना पड़ रहा है। बारिश की कमी से खरीफ फसलों की पैदावार तो
प्रभावित हुई ही, किसान रबी फसलों की बुवाई भी नहीं कर पा रहे हैं। चालू
रबी में फसलों की बुवाई 42.43 फीसदी पिछड़ कर औसतन 25 फीसदी क्षेत्रफल में
ही हुई है। जलाशयों में पानी का स्तर भी औसत से काफी कम है इसलिए आगे
किसानों की मुश्किलें और बढ़ने वाली हैं।
राज्य के कृषि निदेशालय
के अनुसार मानसूनी सीजन में राज्य में सामान्य से 24 फीसदी कम बारिश हुई
थी, जिसका असर खरीफ फसलों की पैदावार के साथ ही रबी फसलों की बुवाई पर पड़
रहा है। राज्य में 19 नवंबर तक रबी फसलों की बुवाई सामान्य के केवल 25
फीसदी क्षेत्रफल में ही हो पाई है। सबसे ज्यादा असर गेहूं और मोटे अनाजों
की बुवाई पर पड़ा।
जलाशयों में पानी दस साल के औसत से भी कम
केंद्रीय
जल संसाधन मंत्रालय के अनुसार 16 नवंबर 2018 को पश्चिमी क्षेत्र के गुजरात
तथा महाराष्ट्र के 27 जलाशयों में पानी का स्तर घटकर कुल भंडारण क्षमता का
51 फीसदी ही रह गया है जोकि पिछले दस साल के औसत अनुमान 64 फीसदी से भी कम
है। पिछले साल की समान अवधि में पश्चिमी क्षेत्र के जलाशयों में कुल
भंडारण क्षमता का 67 फीसदी पानी था।
रबी की कुल बुवाई सामान्य की 25 फीसदी
चालू
रबी में राज्य में 7,88,500 हेक्टेयर में ही फसलों की बुवाई हो पाई है
जबकि पिछले साल इस समय तक 13,69,700 हेक्टेयर में बुवाई हो चुकी थी। गेहूं
की बुवाई औसत की केवल 7 फीसदी यानि की 65,800 हेक्टेयर में ही हुई है जबकि
पिछले साल इस समय तक 3,03,900 हेक्टेयर में बुवाई हो चुकी थी। रबी में
गेहूं की बुवाई सामान्यत 9,84,400 हेक्टेयर में होती है।
मोटे अनाजों की औसतन 10 फीसदी ही हुई है बुवाई
इसी
तरह मोटे अनाजों की बुवाई चालू रबी में 19 नवंबर तक औसत की केवल 10 फीसदी
1,14,600 हेक्टेयर में ही हो पाई है जबकि पिछले साल इस समय तक 3,76,900
हेक्टेयर में बुवाई हो चुकी थी। मोटे अनाजों की औसतन बुवाई रबी सीजन में
11,38,600 हेक्टेयर में होती है।
दलहन की बुवाई में आई भारी गिरावट
दालों
की बुवाई चालू रबी सीजन में राज्य में 77,000 हेक्टेयर में ही हुई है जबकि
पिछले साल इस समय तक 1,79,900 हेक्टेयर में दालों की बुवाई हो चुकी थी।
रबी दलहन की प्रमुख फसल चना की बुवाई 65,900 हेक्टेयर में ही हुई है जबकि
पिछले साल की समान अवधि में 1,71,900 हेक्टेयर में चना की बुवाई हो चुकी
थी।
तिलहन की बुवाई भी घटी
तिलहन की बुवाई राज्य में
अभी तक केवल 1,57,800 हेक्टैयर में ही हुई है जबकि पिछले साल की समान अवधि
में इसकी बुवाई 1,99,300 हेक्टेयर में हो चुकी थी। .................. आर एस राणा