सरकार दूध की कीमतों पर लगाम लगाने की तैयारी में है। कृषि मंत्रालय ने
मत्रियों के समूह को दूध को आवश्यक वस्तु अधिनियम में शामिल करने का
प्रस्ताव भेजा है। आवश्यक वस्तु अधिनियम में आने से दूध के भाव पर सरकारी
नियंत्रण होगा। इस कदम से किसानों और ग्राहकों को फायदा होगा। नंवबर से मार्च तक दूध की सप्लाई बढ़ जाती है।
लिहाजा सरकार के दूध के भाव के लिए प्रस्तावित प्राइस स्टेबलाइजेशन फंड से
किसानों को मदद मिल सकती है।
18 अक्तूबर 2017
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