आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू खरीफ सीजन में सोयाबीन का उत्पादन घटकर 91.45 लाख टन ही होने का अनुमान है जबकि पिछले साल इसका उत्पादन 109.92 लाख टन का हुआ था। पिछले साल नई फसल की आवक के समय सोयाबीन का बकाया स्टाॅक केवल 4.41 लाख टन का ही था, जबकि चालू सीजन में बकाया स्टाॅक 15 से 16 लाख टन से ज्यादा बचने का अनुमान है। अतः कुल उपलब्धता पिछले साल से ज्यादा ही बैठेगी, इसलिए सोयाबीन की कीमतों में आगे और गिरावट आने का अनुमान है।
सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (सोपा) के अनुसार चालू सीजन में प्रमुख उत्पादक राज्य मध्य प्रदेश में सोयाबीन का उत्पादन 45.39 लाख टन का ही होने का अनुमान है जबकि पिछले साल राज्य में 55.06 लाख टन का उत्पादन हुआ था। अन्य राज्यों में महाराष्ट्र में उत्पादन 31.89 लाख टन और राजस्थान में 7.62 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल इन राज्यों में क्रमश 37.42 लाख टन और 8.92 लाख टन का उत्पादन हुआ था।
कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में सोयाबीन की बुवाई घटकर 101.56 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई 109.71 लाख हैक्टेयर में हुई थी। मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य के 13 जिलों को सूखा प्रभावित घोषित कर दिया है, इन जिलों में इंदौर, ग्वालियर, छत्तरपुर, दमोह, अशोकनगर और भिंड तथा विदिशा आदि शामिल है। इन जिलों में चालू खरीफ में 25 फीसदी से कम बारिश हुई है तथा 2015 के बाद राज्य में दूसरी बार सूखा पड़ा है। पूरे राज्य में इस बार सामान्य से 20 फीसदी कम बारिश हुई है।
उधर राज्य के खंडवा, खरगौन, शाजापुर, उज्जैन और रतलाम में पिछले 24 घंटे में कहीं तेज तो कहीं हल्की बारिश हुई है जिससे उत्पादक मंडियों में सोयबीन की आवक प्रभावित हुई है, इसलिए भाव में हल्का सुधार आया है। हालांकि मौजूदा कीमतों में बड़ी तेजी की संभावना नहीं है क्योंकि आगे मौसम साफ रहने का अनुमान है इसलिए आगामी दिनों में दैनिक आवक फिर बढ़ जायेगी। मध्य प्रदेश में राज्य सरकार किसानों को सोयाबीन के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और बाजार भाव के अंतर का भुगतान करेगी।
सोपा के अनुसार फसल सीजन 2016-17 में सोयाबीन का उत्पादन 109.92 लाख टन का हुआ था जबकि नई फसल के समय बकाया स्टाॅक 4.41 लाख टन को मिलाकर कुल उपलब्धता 114.33 लाख टन की बैठी थी। इसमें से करीब 12 लाख टन की खपत बीज में होने का अनुमान है तथा बाकि बाकि 102.33 लाख टन की क्रेसिंग होनी थी, इसमें से सितंबर तक 85 लाख टन आवक हुई है। अतः किसानों, व्यापारियों व प्लांटों के पास करीब 15.93 लाख टन का बकाया स्टाॅक बचा हुआ है। ............... आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू खरीफ सीजन में सोयाबीन का उत्पादन घटकर 91.45 लाख टन ही होने का अनुमान है जबकि पिछले साल इसका उत्पादन 109.92 लाख टन का हुआ था। पिछले साल नई फसल की आवक के समय सोयाबीन का बकाया स्टाॅक केवल 4.41 लाख टन का ही था, जबकि चालू सीजन में बकाया स्टाॅक 15 से 16 लाख टन से ज्यादा बचने का अनुमान है। अतः कुल उपलब्धता पिछले साल से ज्यादा ही बैठेगी, इसलिए सोयाबीन की कीमतों में आगे और गिरावट आने का अनुमान है।
सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (सोपा) के अनुसार चालू सीजन में प्रमुख उत्पादक राज्य मध्य प्रदेश में सोयाबीन का उत्पादन 45.39 लाख टन का ही होने का अनुमान है जबकि पिछले साल राज्य में 55.06 लाख टन का उत्पादन हुआ था। अन्य राज्यों में महाराष्ट्र में उत्पादन 31.89 लाख टन और राजस्थान में 7.62 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल इन राज्यों में क्रमश 37.42 लाख टन और 8.92 लाख टन का उत्पादन हुआ था।
कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में सोयाबीन की बुवाई घटकर 101.56 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई 109.71 लाख हैक्टेयर में हुई थी। मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य के 13 जिलों को सूखा प्रभावित घोषित कर दिया है, इन जिलों में इंदौर, ग्वालियर, छत्तरपुर, दमोह, अशोकनगर और भिंड तथा विदिशा आदि शामिल है। इन जिलों में चालू खरीफ में 25 फीसदी से कम बारिश हुई है तथा 2015 के बाद राज्य में दूसरी बार सूखा पड़ा है। पूरे राज्य में इस बार सामान्य से 20 फीसदी कम बारिश हुई है।
उधर राज्य के खंडवा, खरगौन, शाजापुर, उज्जैन और रतलाम में पिछले 24 घंटे में कहीं तेज तो कहीं हल्की बारिश हुई है जिससे उत्पादक मंडियों में सोयबीन की आवक प्रभावित हुई है, इसलिए भाव में हल्का सुधार आया है। हालांकि मौजूदा कीमतों में बड़ी तेजी की संभावना नहीं है क्योंकि आगे मौसम साफ रहने का अनुमान है इसलिए आगामी दिनों में दैनिक आवक फिर बढ़ जायेगी। मध्य प्रदेश में राज्य सरकार किसानों को सोयाबीन के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और बाजार भाव के अंतर का भुगतान करेगी।
सोपा के अनुसार फसल सीजन 2016-17 में सोयाबीन का उत्पादन 109.92 लाख टन का हुआ था जबकि नई फसल के समय बकाया स्टाॅक 4.41 लाख टन को मिलाकर कुल उपलब्धता 114.33 लाख टन की बैठी थी। इसमें से करीब 12 लाख टन की खपत बीज में होने का अनुमान है तथा बाकि बाकि 102.33 लाख टन की क्रेसिंग होनी थी, इसमें से सितंबर तक 85 लाख टन आवक हुई है। अतः किसानों, व्यापारियों व प्लांटों के पास करीब 15.93 लाख टन का बकाया स्टाॅक बचा हुआ है। ............... आर एस राणा
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