आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू खरीफ में जहां मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में मक्का की बुवाई बढ़ी है, वहीं कर्नाटका, उत्तर प्रदेश तथा बिहार में पिछड़ रही है। हालांकि चालू खरीफ में मक्का की कुल बुवाई बढ़कर 41.49 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई 41.23 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी।
दक्षिण भारत की मंडियों में मक्का में स्टार्च मिलों के साथ ही पोल्ट्री उद्योग की मांग अच्छी है जिससे मौजूदा भाव में और भी 25 से 30 रुपये प्रति क्विंटल का सुधार आने का अनुमान है। निजामाबाद मंडी में मक्का के भाव बढ़कर 1,630 रुपये, दावणगिरी में 1,700 रुपये, करनीनगर में 1,580 रुपये, सांगली मंडी में 1,730 रुपये, जलगांव में 1,450 रुपये तथा मल्कापुर में 1,660 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। उत्तर भारत के उत्तर प्रदेश और पंजाब में साठी मक्का की आवक कम हो रही है, लेकिन जुलाई के आखिर में इसकी आवक कम हो जायेगी, जबकि खरीफ की नई फसल की आवक उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश की मंडियों में सितंबर में बनेगी। इसलिए अगस्त में उत्तर भारत के राज्यों में भी इसके भाव में सुधार आने का अनुमान है। दिल्ली में मक्का के भाव 1,300 रुपये प्रति क्विंटल रहे।
कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में मध्य प्रदेश में मक्का की बुवाई बढ़कर 8.64 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई केवल 5.52 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई थी। उधर महाराष्ट्र में मक्का की बुवाई बढ़कर 3.95 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक राज्य में 2.20 लाख हैक्टेयर में ही हुई थी।
उधर कर्नाटका में चालू खरीफ में मक्का की बुवाई अभी तक केवल 4.62 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में राज्य में 7.97 लाख हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी थी। उधर उत्तर प्रदेश में भी मक्का की बुवाई अभी तक केवल 3.02 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक 4.48 लाख हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी थी। अन्य राज्यों में राजस्थान में मक्का की बुवाई अभी तक केवल 4.13 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक राज्य में 5.83 लाख हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी थी। बिहार में मक्का की बुवाई चालू खरीफ में अभी तक 2.40 लाख हैक्टेयर में, गुजरात में 1.52 लाख हैक्टेयर में, हिमाचल प्रदेश में 2.79 लाख हैक्टेयर में तथा तेलंगाना में 2.42 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है।............... आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू खरीफ में जहां मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में मक्का की बुवाई बढ़ी है, वहीं कर्नाटका, उत्तर प्रदेश तथा बिहार में पिछड़ रही है। हालांकि चालू खरीफ में मक्का की कुल बुवाई बढ़कर 41.49 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई 41.23 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी।
दक्षिण भारत की मंडियों में मक्का में स्टार्च मिलों के साथ ही पोल्ट्री उद्योग की मांग अच्छी है जिससे मौजूदा भाव में और भी 25 से 30 रुपये प्रति क्विंटल का सुधार आने का अनुमान है। निजामाबाद मंडी में मक्का के भाव बढ़कर 1,630 रुपये, दावणगिरी में 1,700 रुपये, करनीनगर में 1,580 रुपये, सांगली मंडी में 1,730 रुपये, जलगांव में 1,450 रुपये तथा मल्कापुर में 1,660 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। उत्तर भारत के उत्तर प्रदेश और पंजाब में साठी मक्का की आवक कम हो रही है, लेकिन जुलाई के आखिर में इसकी आवक कम हो जायेगी, जबकि खरीफ की नई फसल की आवक उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश की मंडियों में सितंबर में बनेगी। इसलिए अगस्त में उत्तर भारत के राज्यों में भी इसके भाव में सुधार आने का अनुमान है। दिल्ली में मक्का के भाव 1,300 रुपये प्रति क्विंटल रहे।
कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में मध्य प्रदेश में मक्का की बुवाई बढ़कर 8.64 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई केवल 5.52 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई थी। उधर महाराष्ट्र में मक्का की बुवाई बढ़कर 3.95 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक राज्य में 2.20 लाख हैक्टेयर में ही हुई थी।
उधर कर्नाटका में चालू खरीफ में मक्का की बुवाई अभी तक केवल 4.62 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में राज्य में 7.97 लाख हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी थी। उधर उत्तर प्रदेश में भी मक्का की बुवाई अभी तक केवल 3.02 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक 4.48 लाख हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी थी। अन्य राज्यों में राजस्थान में मक्का की बुवाई अभी तक केवल 4.13 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक राज्य में 5.83 लाख हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी थी। बिहार में मक्का की बुवाई चालू खरीफ में अभी तक 2.40 लाख हैक्टेयर में, गुजरात में 1.52 लाख हैक्टेयर में, हिमाचल प्रदेश में 2.79 लाख हैक्टेयर में तथा तेलंगाना में 2.42 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है।............... आर एस राणा
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