आर एस राणा
नई दिल्ली। जून महीने में खाद्य तेलों के साथ ही अखाद्य तेलों का आयात बढ़कर 13,44,868 टन का हुआ है जबकि पिछले साल जून महीने में इनका आयात केवल 11,69,456 टन का हुआ था। साल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (एसईए) के अनुसार जून में खाद्य तेलों का आयात 12,93,777 टन का हुआ है जबकि अखाद्य तेलों का आयात 51,091 टन का हुआ है।
एसईए के मुताबिक चालू तेल वर्ष 2016-17 के नवंबर-16 से जून-17 के दौरान 98,63,572 टन खाद्य एवं अखाद्य तेलों का आयात हो चुका है जोकि पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 1 फीसदी ज्यादा है। पिछले साल की समान अवधि में इनका आयात 97,63,043 टन का हुआ था।
खाद्य तेलों के आयात पिछले तीन महीने से लगातार बढ़ोतरी बनी हुई है, जबकि घरेलू बाजार में फसल सीजन 2016-17 में तिलहनों की पैदावार ज्यादा होने से खाद्य तेलों का उत्पादन बढ़ा है। ऐसे में घरेलू बाजार में खाद्य तेलों की उपलब्धता ज्यादा है इसीलिए घरेलू मंडियों में सोयाबीन के साथ ही सरसों और मूंगफली के भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से भी नीचे बने हुए हैं। एसईए ने केंद्र सरकार से मांग की है कि आयातित क्रुड पॉम तेल पर आयात शुल्क को बढ़ाकर 20 फीसदी और रिफाइंड तेलों के आयात पर शुल्क को बढ़ाकर 35 फीसदी कर दिया जाए।
विश्व बाजार में खाद्य तेलों की कीमतों में आई गिरावट के कारण मई के मुकाबले जून में आयातित खाद्य तेलों के भाव में भी कमी आई है। आरबीडी पॉमोलीन का भाव मई महीने में भारतीय बंदरगाह पर 727 डॉलर प्रति टन था, जोकि जून में घटकर 700 डॉलर प्रति टन रह गया। इसी तरह से क्रुड पॉम तेल का भाव इस दौरान 725 डॉलर प्रति टन से घटकर 697 डॉलर प्रति टन रह गया। क्रुड सोयाबीन तेल के भाव में इस दौरान हल्का सुधार आया है। क्रुड सोयाबीन तेल का भाव मई में 796 डॉलर प्रति टन था जोकि जून में बढ़कर 798 डॉलर प्रति टन हो गया। घरेलू बाजार में खाद्य तेलों की उपलब्धता ज्यादा है, लेकिन आगे त्यौहारी सीजन चालू होगा इसलिए घरेलू बाजार में खाद्य तेलों की मांग बढ़ने से कीमतों में हल्का सुधार आने का अनुमान है।........... आर एस राणा
नई दिल्ली। जून महीने में खाद्य तेलों के साथ ही अखाद्य तेलों का आयात बढ़कर 13,44,868 टन का हुआ है जबकि पिछले साल जून महीने में इनका आयात केवल 11,69,456 टन का हुआ था। साल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (एसईए) के अनुसार जून में खाद्य तेलों का आयात 12,93,777 टन का हुआ है जबकि अखाद्य तेलों का आयात 51,091 टन का हुआ है।
एसईए के मुताबिक चालू तेल वर्ष 2016-17 के नवंबर-16 से जून-17 के दौरान 98,63,572 टन खाद्य एवं अखाद्य तेलों का आयात हो चुका है जोकि पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 1 फीसदी ज्यादा है। पिछले साल की समान अवधि में इनका आयात 97,63,043 टन का हुआ था।
खाद्य तेलों के आयात पिछले तीन महीने से लगातार बढ़ोतरी बनी हुई है, जबकि घरेलू बाजार में फसल सीजन 2016-17 में तिलहनों की पैदावार ज्यादा होने से खाद्य तेलों का उत्पादन बढ़ा है। ऐसे में घरेलू बाजार में खाद्य तेलों की उपलब्धता ज्यादा है इसीलिए घरेलू मंडियों में सोयाबीन के साथ ही सरसों और मूंगफली के भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से भी नीचे बने हुए हैं। एसईए ने केंद्र सरकार से मांग की है कि आयातित क्रुड पॉम तेल पर आयात शुल्क को बढ़ाकर 20 फीसदी और रिफाइंड तेलों के आयात पर शुल्क को बढ़ाकर 35 फीसदी कर दिया जाए।
विश्व बाजार में खाद्य तेलों की कीमतों में आई गिरावट के कारण मई के मुकाबले जून में आयातित खाद्य तेलों के भाव में भी कमी आई है। आरबीडी पॉमोलीन का भाव मई महीने में भारतीय बंदरगाह पर 727 डॉलर प्रति टन था, जोकि जून में घटकर 700 डॉलर प्रति टन रह गया। इसी तरह से क्रुड पॉम तेल का भाव इस दौरान 725 डॉलर प्रति टन से घटकर 697 डॉलर प्रति टन रह गया। क्रुड सोयाबीन तेल के भाव में इस दौरान हल्का सुधार आया है। क्रुड सोयाबीन तेल का भाव मई में 796 डॉलर प्रति टन था जोकि जून में बढ़कर 798 डॉलर प्रति टन हो गया। घरेलू बाजार में खाद्य तेलों की उपलब्धता ज्यादा है, लेकिन आगे त्यौहारी सीजन चालू होगा इसलिए घरेलू बाजार में खाद्य तेलों की मांग बढ़ने से कीमतों में हल्का सुधार आने का अनुमान है।........... आर एस राणा
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