आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू खरीफ में कई राज्यों के आधे हिस्से में जहां बाढ़ जैसी स्थिति बनी हुई है, वहीं उसी राज्य के कई जिलों में बारिश सामान्य से भी कम हुई है। अतः ऐसे में अगले दस-पंद्रह दिन मानसून के काफी अहम रहने वाले हैं, मध्य अगस्त तक यहीं हालत बने रहे तो खरीफ फसलों दलहन और तिलहनों के साथ ही अन्य फसलों की प्रति हैक्टेयर उत्पादकता प्रभावित होने की आशंका है।
दलहन की कीमतों में लगातार गिरावट बनी हुई है, गिरावट का प्रमुख कारण आयातित दलहन के भाव में कमी होने के साथ ही घरेलू बाजार में और केंद्रीय पूल में दलहन का बफर बंपर स्टॉक माना जा रहा है। अन्य दालों की कीमतों में गिरावट आने के कारण ही चना के भाव में भी मंदा आया है। माना जा रहा है कि चना में मध्य अगस्त के बाद बेसन और दाल की मांग अच्छी रहेगी, जिससे मौजूदा भाव में आगे सुधार आने का अनुमान है।
कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में दलहन की कुल बुवाई बढ़कर 114.88 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इनकी बुवाई 107.44 लाख हैक्टेयर में ही हुई थी। खरीफ दलहन की प्रमुख फसल अरहर की बुवाई घटकर केवल 34.88 लाख हैक्टेयर में ही हुई है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई 41.28 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी। उड़द की बुवाई चालू खरीफ में बढ़कर 34.38 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय केवल 25.43 लाख हैक्टेयर में ही उड़द की बुवाई हो पाई थी। इसी तरह से मूंग की बुवाई भी चालू खरीफ में बढ़कर 27.58 लाख हैक्टेयर में हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक 27.07 लाख हैक्टेयर में बुवाई हो पाई थी।
खरीफ दलहन के प्रमुख उत्पादक राज्य राजस्थान के कई जिलों में जहां बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं, वहीं राज्य के गंगानगर में अभी तक सामान्य से 19 फीसदी कम बारिश हुई है, जबकि अलवर में 27 फीसदी कम, बारा में 23 फीसदी कम, बूंदी में 25 फीसदी कम, कोटा में 38 फीसदी कम, दौसा में 41 फीसदी कम, जयपुर में 19 फीसदी कम और सवाई माधोपूर में 24 फीसदी सामान्य से कम बारिश हुई है। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार राजस्थान में चालू खरीफ में अभी तक सामान्य से 56 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है।
इसी तरह से अन्य राज्यों कर्नाटका में सामान्य से 20 फीसदी, तमिलनाडु में सामान्य से 31 फीसदी कम बारिश हुई है। महाराष्ट्र के मराठवाडा में सामान्य से 12 फीसदी और विदर्भा में 11 फीसदी कम बारिश हुई है। हरियाणा में सामान्य से 3 फीसदी कम, पंजाब में 6 फीसदी तथा बिहार में सामान्य से 7 फीसदी कम बारिश हुई है, साथ ही इन राज्यों के कई जिलों में औसत से काफी कम बारिश से फसलों की प्रति हैक्टेयता प्रभावित हो रही है। ऐसे में अगले आठ-दस दिन खरीफ फसलों के लिए काफी अहम होंगे, अगर मानसून की कमी इन राज्यों में बनी रही हो, फिर कुल पैदावार में कमी आयेगा, जिसका असर आगे इनकी कीमतों पर पड़ सकता है।......... आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू खरीफ में कई राज्यों के आधे हिस्से में जहां बाढ़ जैसी स्थिति बनी हुई है, वहीं उसी राज्य के कई जिलों में बारिश सामान्य से भी कम हुई है। अतः ऐसे में अगले दस-पंद्रह दिन मानसून के काफी अहम रहने वाले हैं, मध्य अगस्त तक यहीं हालत बने रहे तो खरीफ फसलों दलहन और तिलहनों के साथ ही अन्य फसलों की प्रति हैक्टेयर उत्पादकता प्रभावित होने की आशंका है।
दलहन की कीमतों में लगातार गिरावट बनी हुई है, गिरावट का प्रमुख कारण आयातित दलहन के भाव में कमी होने के साथ ही घरेलू बाजार में और केंद्रीय पूल में दलहन का बफर बंपर स्टॉक माना जा रहा है। अन्य दालों की कीमतों में गिरावट आने के कारण ही चना के भाव में भी मंदा आया है। माना जा रहा है कि चना में मध्य अगस्त के बाद बेसन और दाल की मांग अच्छी रहेगी, जिससे मौजूदा भाव में आगे सुधार आने का अनुमान है।
कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में दलहन की कुल बुवाई बढ़कर 114.88 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इनकी बुवाई 107.44 लाख हैक्टेयर में ही हुई थी। खरीफ दलहन की प्रमुख फसल अरहर की बुवाई घटकर केवल 34.88 लाख हैक्टेयर में ही हुई है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई 41.28 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी। उड़द की बुवाई चालू खरीफ में बढ़कर 34.38 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय केवल 25.43 लाख हैक्टेयर में ही उड़द की बुवाई हो पाई थी। इसी तरह से मूंग की बुवाई भी चालू खरीफ में बढ़कर 27.58 लाख हैक्टेयर में हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक 27.07 लाख हैक्टेयर में बुवाई हो पाई थी।
खरीफ दलहन के प्रमुख उत्पादक राज्य राजस्थान के कई जिलों में जहां बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं, वहीं राज्य के गंगानगर में अभी तक सामान्य से 19 फीसदी कम बारिश हुई है, जबकि अलवर में 27 फीसदी कम, बारा में 23 फीसदी कम, बूंदी में 25 फीसदी कम, कोटा में 38 फीसदी कम, दौसा में 41 फीसदी कम, जयपुर में 19 फीसदी कम और सवाई माधोपूर में 24 फीसदी सामान्य से कम बारिश हुई है। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार राजस्थान में चालू खरीफ में अभी तक सामान्य से 56 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है।
इसी तरह से अन्य राज्यों कर्नाटका में सामान्य से 20 फीसदी, तमिलनाडु में सामान्य से 31 फीसदी कम बारिश हुई है। महाराष्ट्र के मराठवाडा में सामान्य से 12 फीसदी और विदर्भा में 11 फीसदी कम बारिश हुई है। हरियाणा में सामान्य से 3 फीसदी कम, पंजाब में 6 फीसदी तथा बिहार में सामान्य से 7 फीसदी कम बारिश हुई है, साथ ही इन राज्यों के कई जिलों में औसत से काफी कम बारिश से फसलों की प्रति हैक्टेयता प्रभावित हो रही है। ऐसे में अगले आठ-दस दिन खरीफ फसलों के लिए काफी अहम होंगे, अगर मानसून की कमी इन राज्यों में बनी रही हो, फिर कुल पैदावार में कमी आयेगा, जिसका असर आगे इनकी कीमतों पर पड़ सकता है।......... आर एस राणा
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