मॉनसून के पंजाब में भी दस्तक देने के लिए मौसमी परिदृश्य अनुकूल बनता
दिखाई दे रहा है। इस बीच मॉनसून की उत्तरी सीमा बाड़मेर, सीकर, सोनीपत,
शिमला, उना और जम्मू में बनी हुई है।
जम्मू कश्मीर पर एक पश्चिमी विक्षोभ बना हुआ था जो अब कमजोर हो गया है। इस समय यह सिस्टम ऊपरी हवाओं में चक्रवाती क्षेत्र के रूप में जम्मू कश्मीर पर दिखाई दे रहा है।
एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र पश्चिमी राजस्थान पर बना हुआ है।
पश्चिम में पंजाब से लेकर पूर्व में बंगाल की खाड़ी तक बनी ट्रफ रेखा सक्रिय है और मौसम को प्रभावित कर रही है।
पूर्वी उत्तर प्रदेश और इससे सटे मध्य प्रदेश पर बना निम्न दबाव का क्षेत्र सशक्त होते हुए जल्द ही गहरे निम्न दबाव का रूप ले सकता है।
पश्चिमी तटों पर कर्नाटक से कोंकण क्षेत्र तक एक ट्रफ रेखा बनी हुई है।
उत्तर-पूर्वी मध्य प्रदेश, पूर्वी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में मॉनसून व्यापक रूप में सक्रिय रहा है। मंगलवार की सुबह 8:30 बजे से बीते 24 घंटों के दौरान मध्य प्रदेश के रीवा में 154.2 मिलीमीटर की भारी बारिश दर्ज की गई है। इसके अलावा सतना में 136 और खजुराहो में 31.3 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई।
उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद में 95.8 मिलीमीटर, नजीबाबाद में 60, वाराणसी में 46 मिलीमीटर, और बरेली में 34 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई। उत्तराखंड के मुक्तेश्वर में 56, देहारादून में 52, पंतनगर में 43 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। हिमाचल प्रदेश के ऊना में 65, धर्मशाला में 49 और शिमला में 29 मिलीमीटर बारिश हुई।
झारखंड, उत्तरी ओड़ीशा, पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों, बिहार, उत्तरी तटीय तमिलनाडू, कोंकण-गोवा और उत्तरी तटीय कर्नाटक में भी मॉनसून का सक्रिय प्रदर्शन देखने को मिला।
भागलपुर में 53, रांची में 42, कारवार में 44.6, होनावर में 57.6 और चेन्नई में 56 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई।
छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश के शेष भागों, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में सामान्य मॉनसून वर्षा देखने को मिली।
पश्चिमी राजस्थान और पश्चिमी हरियाणा को छोडकर देश के बाकी सभी भागों में मॉनसून सामान्य रहा और हल्की वर्षा दर्ज की गई।
अगले 24 घंटों के दौरान मॉनसून का प्रदर्शन और संभावित वर्षा
अगले 24 से 48 घंटों के दौरान दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के आगे बढ़ने के लिए मौसमी परिदृश्य अनुकूल बन गया है। यह जल्द ही हिमाचल, जम्मू और हरियाणा के बाकी हिस्सों में पहुँच सकता है। इसी दौरान यह पंजाब में दस्तक दे सकता है।
फिलहाल दक्षिण-पश्चिम मॉनसून मध्य प्रदेश के पूर्वी और मध्य भागों में व्यापक रूप में सक्रिय रहेगा और इन भागों में मूसलाधार वर्षा होने की संभावना है।
मध्य प्रदेश के बाकी भागों, कोंकण गोवा, तटीय कर्नाटक, राजस्थान के दक्षिण-पूर्वी हिस्सों, पश्चिम बंगाल के कुछ भागों, झारखंड, बिहार के कुछ भागों और दक्षिण-पूर्वी उत्तर प्रदेश में भी मॉनसून के सक्रिय रहने और अच्छी वर्षा होने का अनुमान है।
उत्तर पश्चिमी उत्तर प्रदेश, पूर्वी हरियाणा, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, ओड़ीशा, उत्तरी तटीय आंध्र प्रदेश और गुजरात के भागों में मॉनसून सामान्य रहेगा।
गुजरात, पश्चिमी तटों पर महाराष्ट्र के कोंकण क्षेत्र, पूर्वी राजस्थान, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में बारिश की गतिविधियां बढ़ सकती हैं।
जबकि हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर भारत के भागों में बारिश में कमी आने का अनुमान है।
केरल, कर्नाटक और दक्षिणी मध्य महाराष्ट्र में बारिश की गतिविधियां कम होंगी।......www.skymet.com
जम्मू कश्मीर पर एक पश्चिमी विक्षोभ बना हुआ था जो अब कमजोर हो गया है। इस समय यह सिस्टम ऊपरी हवाओं में चक्रवाती क्षेत्र के रूप में जम्मू कश्मीर पर दिखाई दे रहा है।
एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र पश्चिमी राजस्थान पर बना हुआ है।
पश्चिम में पंजाब से लेकर पूर्व में बंगाल की खाड़ी तक बनी ट्रफ रेखा सक्रिय है और मौसम को प्रभावित कर रही है।
पूर्वी उत्तर प्रदेश और इससे सटे मध्य प्रदेश पर बना निम्न दबाव का क्षेत्र सशक्त होते हुए जल्द ही गहरे निम्न दबाव का रूप ले सकता है।
पश्चिमी तटों पर कर्नाटक से कोंकण क्षेत्र तक एक ट्रफ रेखा बनी हुई है।
उत्तर-पूर्वी मध्य प्रदेश, पूर्वी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में मॉनसून व्यापक रूप में सक्रिय रहा है। मंगलवार की सुबह 8:30 बजे से बीते 24 घंटों के दौरान मध्य प्रदेश के रीवा में 154.2 मिलीमीटर की भारी बारिश दर्ज की गई है। इसके अलावा सतना में 136 और खजुराहो में 31.3 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई।
उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद में 95.8 मिलीमीटर, नजीबाबाद में 60, वाराणसी में 46 मिलीमीटर, और बरेली में 34 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई। उत्तराखंड के मुक्तेश्वर में 56, देहारादून में 52, पंतनगर में 43 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। हिमाचल प्रदेश के ऊना में 65, धर्मशाला में 49 और शिमला में 29 मिलीमीटर बारिश हुई।
झारखंड, उत्तरी ओड़ीशा, पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों, बिहार, उत्तरी तटीय तमिलनाडू, कोंकण-गोवा और उत्तरी तटीय कर्नाटक में भी मॉनसून का सक्रिय प्रदर्शन देखने को मिला।
भागलपुर में 53, रांची में 42, कारवार में 44.6, होनावर में 57.6 और चेन्नई में 56 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई।
छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश के शेष भागों, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में सामान्य मॉनसून वर्षा देखने को मिली।
पश्चिमी राजस्थान और पश्चिमी हरियाणा को छोडकर देश के बाकी सभी भागों में मॉनसून सामान्य रहा और हल्की वर्षा दर्ज की गई।
अगले 24 घंटों के दौरान मॉनसून का प्रदर्शन और संभावित वर्षा
अगले 24 से 48 घंटों के दौरान दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के आगे बढ़ने के लिए मौसमी परिदृश्य अनुकूल बन गया है। यह जल्द ही हिमाचल, जम्मू और हरियाणा के बाकी हिस्सों में पहुँच सकता है। इसी दौरान यह पंजाब में दस्तक दे सकता है।
फिलहाल दक्षिण-पश्चिम मॉनसून मध्य प्रदेश के पूर्वी और मध्य भागों में व्यापक रूप में सक्रिय रहेगा और इन भागों में मूसलाधार वर्षा होने की संभावना है।
मध्य प्रदेश के बाकी भागों, कोंकण गोवा, तटीय कर्नाटक, राजस्थान के दक्षिण-पूर्वी हिस्सों, पश्चिम बंगाल के कुछ भागों, झारखंड, बिहार के कुछ भागों और दक्षिण-पूर्वी उत्तर प्रदेश में भी मॉनसून के सक्रिय रहने और अच्छी वर्षा होने का अनुमान है।
उत्तर पश्चिमी उत्तर प्रदेश, पूर्वी हरियाणा, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, ओड़ीशा, उत्तरी तटीय आंध्र प्रदेश और गुजरात के भागों में मॉनसून सामान्य रहेगा।
गुजरात, पश्चिमी तटों पर महाराष्ट्र के कोंकण क्षेत्र, पूर्वी राजस्थान, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में बारिश की गतिविधियां बढ़ सकती हैं।
जबकि हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर भारत के भागों में बारिश में कमी आने का अनुमान है।
केरल, कर्नाटक और दक्षिणी मध्य महाराष्ट्र में बारिश की गतिविधियां कम होंगी।......www.skymet.com
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