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01 जुलाई 2017

2 जुलाई 2017 का मौसम पूर्वानुमान

मॉनसून की उत्तरी सीमा इस समय बाड़मेर, चित्तौड़गढ़, गुना, सतना, सीधी और पटना तक पहुँच गई है। जल्द ही यह आगे बढ़ सकता है।
उत्तर भारत में जल्द ही एक पश्चिमी विक्षोभ दस्तक दे सकता है। यह सिस्टम इस समय अफगानिस्तान और इससे सटे उत्तरी पाकिस्तान पर बनी हुई है।
राजस्थान के उत्तर और पूर्वी हिस्सों पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है।
गुजरात के कच्छ क्षेत्र पर एक निम्न दबाव बना हुआ है। इस सिस्टम से राजस्थान, दक्षिणी उत्तरी प्रदेश और बिहार होते हुए पूर्वी असम तक एक ट्रफ रेखा बनी हुई।
पश्चिमी तटों पर बनी ट्रफ भी सक्रिय है। बिहार और इससे सटे पूर्वी उत्तर प्रदेश पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। इसके अलावा उत्तरी आंध्र प्रदेश और दक्षिणी तटीय ओड़ीशा पर भी एक चक्रवाती सिस्टम दिखाई दे रहा है।
पिछले 24 घंटों के दौरान पश्चिमी तटीय भागों, ओड़ीशा और आंध्र प्रदेश में भारी से अति भारी वर्षा रिकॉर्ड की गई है।
पूर्वोत्तर राज्यों में कई जगहों पर मध्यम जबकि कहीं-कहीं भारी वर्षा दर्ज की गई है।
दिल्ली-एनसीआर सहित उत्तर भारत के पर्वतीय और मैदानी राज्यों में अच्छी बारिश की गतिविधियां देखने को मिली हैं।
झारखंड और बिहार में बारिश की गतिविधियों में वृद्धि हुई है।
तमिलनाडु, कर्नाटक के कुछ भागों और मध्य महाराष्ट्र में बारिश की गतिविधियों में कमी दर्ज की गई है।
गुजरात, राजस्थान सहित उत्तर-पश्चिम भारत और मध्य भारत के राज्यों में तापमान में गिरावट हुई और यह सामान्य से नीचे रहा। वहीं बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश और पूर्वोत्तर भारत के कुछ भागों में तापमान सामान्य से अधिक बना रहा।
आगामी 24 घंटों का मौसमी पूर्वानुमान
अगले 24 घंटों के दौरान पूर्वोत्तर भारत के राज्यों, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम में बारिश की तीव्रता व्यापक रूप में बढ़ सकती है। इन भागों में भीषण वर्षा होने की संभावना है।
बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के शेष भागों में भी इस दौरान मध्यम से भारी वर्षा हो सकती है। इन भागों में कहीं-कहीं भीषण बिजली कड़कने और गिरने का खतरा बना हुआ है। पूर्वी उत्तर प्रदेश में भी कुछ स्थानों पर भारी वर्षा हो सकती है।
ओड़ीशा, छत्तीसगढ़ और इससे सटे उत्तरी तटीय आंध्र प्रदेश में मध्यम वर्षा हो सकती है। आंध्र प्रदेश के शेष हिस्सों और इससे सटे तेलंगाना के भागों में कुछ स्थानों पर हल्की बारिश के आसार हैं।
उत्तराखंड में मध्यम से भारी वर्षा जारी रहने का अनुमान है जिसके चलते राज्य के पर्वतीय हिस्सों में भूस्खलन का खतरा बना हुआ है। दिल्ली सहित उत्तर भारत के शेष मैदानी और पर्वतीय राज्यों में बारिश की गतिविधियां कम हो जाएंगी हालांकि इन भागों में हल्की बारिश जारी रहने के आसार हैं।
पूर्वी राजस्थान में माध्यम जबकि पश्चिमी राजस्थान में हल्की वर्षा हो सकती है।
पूर्वी मध्य प्रदेश और गुजरात के अधिकांश हिस्सों में मध्यम बारिश होने का अनुमान है। कच्छ क्षेत्र में बारिश में कमी आने के आसार हैं।.......www.skymet.com

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