आर एस राणा
नई दिल्ली। प्री-मानसून के साथ ही मानसून की अच्छी बारिश होने से राजस्थान में ग्वार सीड की बुवाई दौगुनी हो चुकी है। राजस्थान के कृषि मंत्रालय के अनुसार ग्वार सीड की बुवाई बढ़कर 15.59 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई केवल 7.69 लाख हैक्टेयर में ही बुवाई हुई थी।
चालू खरीफ में राज्य सरकार ने ग्वार सीड की बुवाई का लक्ष्य 38 लाख हैक्टेयर का तय किया हुआ है जबकि पिछले साल राज्य में केवल 35.30 लाख हैक्टेयर में ही बुवाई हुई थी।
ग्वार गम का निर्यात चालू वित्त वर्ष 2017-18 के पहले दो महीनों में दौगुने से ज्यादा हुआ है लेकिन इस समय निर्यात मांग सामान्य ही बनी हुई है। एपीडा के अनुसार अप्रैल-मई के दौरान ग्वार गम उत्पादों का निर्यात बढ़कर 1,07,458 टन का हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष 2016-17 की समान अवधि में केवल 46,691 टन का ही हुआ था। जानकारों के अनुसार ग्वार सीड की बुवाई राजस्थान के साथ ही हरियाणा में भी ज्यादा हुई है, ऐसे में आगामी दिनों में ग्वार सीड और ग्वार गम में तेजी-मंदी मानसूनी बारिश पर निर्भर करेगी। जैसा कि मानसून विभाग का कहना है ग्वार सीड के उत्पादक राज्यों में अगले दो-तीन दिन में अच्छी बारिश होने का अनुमान है, ऐसे में आगे इसकी कीमतों में और मंदा आने का अनुमान है। ग्वार सीड में तेजी केवल मानसून की नेगेटिव खबर से ही आ सकती है।.................... आर एस राणा
नई दिल्ली। प्री-मानसून के साथ ही मानसून की अच्छी बारिश होने से राजस्थान में ग्वार सीड की बुवाई दौगुनी हो चुकी है। राजस्थान के कृषि मंत्रालय के अनुसार ग्वार सीड की बुवाई बढ़कर 15.59 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई केवल 7.69 लाख हैक्टेयर में ही बुवाई हुई थी।
चालू खरीफ में राज्य सरकार ने ग्वार सीड की बुवाई का लक्ष्य 38 लाख हैक्टेयर का तय किया हुआ है जबकि पिछले साल राज्य में केवल 35.30 लाख हैक्टेयर में ही बुवाई हुई थी।
ग्वार गम का निर्यात चालू वित्त वर्ष 2017-18 के पहले दो महीनों में दौगुने से ज्यादा हुआ है लेकिन इस समय निर्यात मांग सामान्य ही बनी हुई है। एपीडा के अनुसार अप्रैल-मई के दौरान ग्वार गम उत्पादों का निर्यात बढ़कर 1,07,458 टन का हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष 2016-17 की समान अवधि में केवल 46,691 टन का ही हुआ था। जानकारों के अनुसार ग्वार सीड की बुवाई राजस्थान के साथ ही हरियाणा में भी ज्यादा हुई है, ऐसे में आगामी दिनों में ग्वार सीड और ग्वार गम में तेजी-मंदी मानसूनी बारिश पर निर्भर करेगी। जैसा कि मानसून विभाग का कहना है ग्वार सीड के उत्पादक राज्यों में अगले दो-तीन दिन में अच्छी बारिश होने का अनुमान है, ऐसे में आगे इसकी कीमतों में और मंदा आने का अनुमान है। ग्वार सीड में तेजी केवल मानसून की नेगेटिव खबर से ही आ सकती है।.................... आर एस राणा
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