आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू खरीफ सीजन में जहां सोयाबीन के साथ ही मूंगफली की बुवाई में कमी आई है, वहीं केस्टर सीड के साथ ही शीसम सीड की बुवाई में बढ़ोतरी हुई है। उत्पादक मंडियों में सोयाबीन के साथ ही मूंगफली के भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे होने क कारण किसान अन्य नकदी फसलों कपास आदि की बुवाई को तरजीह दे रहे हैं।
कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में सोयाबीन की बुवाई घटकर अभी तक केवल 84.57 लाख हैक्टेयर में ही हुई है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई 102.84 लाख हैक्टेयर में हुई थी। सोयाबीन का स्टॉक उत्पादक राज्यों में ज्यादा है, साथ ही अभी तक मौसम भी फसल के अनुकूल बना हुआ है, अतः इसकी कीमतों में तेजी की संभावना नहीं है। सोयाबीन की कीमतों में आगे तेजी-मंदी काफी हद तक मानसूनी की स्थिति पर भी निर्भर करेगी।
मंत्रालय के अनुसार मूंगफली की बुवाई चालू खरीफ में घटकर अभी तक केवल 29.04 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई है, जबकि पिछले साल इस समय तक 32.81 लाख हैक्टेयर में हुई थी। फसल सीजन 2016-17 में मूंगफली की पैदावार हुई थी, इसीलिए घरेलू बाजार में मूंगफली का स्टॉक अच्छा है, साथ ही नेफैड के पास भी मूंगफली का स्टॉक है, इसलिए मूंगफली की कीमतों में तेजी की संभावना नहीं है। उत्पादक मंडियों में मूंगफली के भाव 4,000 से 4,100 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं।
केस्टर सीड की बुवाई चालू खरीफ में बढ़कर 1.26 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 58,000 हैक्टेयर में ही हुई थी। केस्टर सीड की बुवाई अभी शुरुआती चरण में है तथा आगे मौसम अनुकूल रहा तो बुवाई में तेजी आयेगी। हालांकि उत्पादक मंडियों में केस्टर सीड का बकाया स्टॉक कम है, जबकि केस्टर तेल में निर्यात मांग अच्छी है इसलिए केस्टर सीड की कीमतों में और तेजी आने का अनुमान है।
शीसम सीड की बुवाई चालू खरीफ में बढ़कर 7.38 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है, जबकि पिछले साल इस समय केवल 7.15 लाख हैक्टेयर में ही हुई थी। कृषि मंत्रालय के अनुसार तिलहनों की कुल बुवाई चालू खरीफ में 123.55 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई है, जबकि पिछले साल इस समय तक 144.82 लाख हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी थी। ................. आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू खरीफ सीजन में जहां सोयाबीन के साथ ही मूंगफली की बुवाई में कमी आई है, वहीं केस्टर सीड के साथ ही शीसम सीड की बुवाई में बढ़ोतरी हुई है। उत्पादक मंडियों में सोयाबीन के साथ ही मूंगफली के भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे होने क कारण किसान अन्य नकदी फसलों कपास आदि की बुवाई को तरजीह दे रहे हैं।
कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में सोयाबीन की बुवाई घटकर अभी तक केवल 84.57 लाख हैक्टेयर में ही हुई है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई 102.84 लाख हैक्टेयर में हुई थी। सोयाबीन का स्टॉक उत्पादक राज्यों में ज्यादा है, साथ ही अभी तक मौसम भी फसल के अनुकूल बना हुआ है, अतः इसकी कीमतों में तेजी की संभावना नहीं है। सोयाबीन की कीमतों में आगे तेजी-मंदी काफी हद तक मानसूनी की स्थिति पर भी निर्भर करेगी।
मंत्रालय के अनुसार मूंगफली की बुवाई चालू खरीफ में घटकर अभी तक केवल 29.04 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई है, जबकि पिछले साल इस समय तक 32.81 लाख हैक्टेयर में हुई थी। फसल सीजन 2016-17 में मूंगफली की पैदावार हुई थी, इसीलिए घरेलू बाजार में मूंगफली का स्टॉक अच्छा है, साथ ही नेफैड के पास भी मूंगफली का स्टॉक है, इसलिए मूंगफली की कीमतों में तेजी की संभावना नहीं है। उत्पादक मंडियों में मूंगफली के भाव 4,000 से 4,100 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं।
केस्टर सीड की बुवाई चालू खरीफ में बढ़कर 1.26 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 58,000 हैक्टेयर में ही हुई थी। केस्टर सीड की बुवाई अभी शुरुआती चरण में है तथा आगे मौसम अनुकूल रहा तो बुवाई में तेजी आयेगी। हालांकि उत्पादक मंडियों में केस्टर सीड का बकाया स्टॉक कम है, जबकि केस्टर तेल में निर्यात मांग अच्छी है इसलिए केस्टर सीड की कीमतों में और तेजी आने का अनुमान है।
शीसम सीड की बुवाई चालू खरीफ में बढ़कर 7.38 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है, जबकि पिछले साल इस समय केवल 7.15 लाख हैक्टेयर में ही हुई थी। कृषि मंत्रालय के अनुसार तिलहनों की कुल बुवाई चालू खरीफ में 123.55 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई है, जबकि पिछले साल इस समय तक 144.82 लाख हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी थी। ................. आर एस राणा
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