दक्षिण पश्चिम मानसून पिछले 24 घंटों के दौरान दक्षिण और पश्चिम मध्य
प्रदेश, दक्षिणपूर्व राजस्थान, कोंकण और गोवा, तटीय कर्नाटक, उत्तर केरल और
मध्य महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में जोरदार रहा। वहीं, सक्रिय मॉनसून की
स्थिति तटीय आंध्र प्रदेश और ओडिशा पर बनी हुई थी।
पिछले 24 घंटों में माउंट आबू में 190 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है। भीरा में 178 मिलीमीटर और रतलाम में 107 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई है।
13 जुलाई तक देश भर में सामान्य से 1 प्रतिशत कम वर्षा रिकॉर्ड की गई है। वर्तमान में, केवल उत्तर पश्चिमी भारत में बारिश का आंकड़ा सामान्य से 32% अधिक है। वहीं, दक्षिण, मध्य, पूर्व और पूर्वोत्तर क्षेत्रों में वर्षा सामान्य से काफी कम है।
अगले 24 घंटों के दौरान, दक्षिण पश्चिम मानसून गुजरात में ज़ोरों पे रहेगा। जबकि दक्षिण पश्चिम मध्य प्रदेश, दक्षिणी राजस्थान, कोंकण और गोवा और तटीय कर्नाटक में मॉनसून की स्थिति सक्रिय रहने की उम्मीद है। हालांकि, सामान्य मानसून की स्थिति केरल, तटीय आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, विदर्भ, पूर्वी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड और ओडिशा के हिस्सों में देखी जाएगी।
मध्य प्रदेश बीते 2-3 दिनों से मॉनसून का प्रमुख केंद्र बना हुआ है। मध्य प्रदेश पर एक गहरे निम्न दबाव का क्षेत्र बना हुआ है जिसके चलते राज्य के लगभग सभी भागों में भारी मॉनसून वर्षा की गतिविधियां देखने को मिल रही हैं। पूर्वी मध्य प्रदेश पर शुरूआत में विकसित हुआ निम्न दबाव का क्षेत्र आगे बढ़ते हुए मध्य भागों पर पहुंचा। जिससे राज्य के मध्य भागों में जबलपुर से लेकर भोपाल तक बीते दिनों में भारी मॉनसून वर्षा रिकॉर्ड की गई है।
मध्य प्रदेश पर बना गहरे निम्न दबाव का क्षेत्र इस समय राज्य के पश्चिमी हिस्सों पर दिखाई दे रहा है। यह धीरे-धीरे दक्षिण पश्चिमी दिशा में आगे बढ़ रहा है। अगले 24 से 48 घंटों में इसके और सशक्त होकर डिप्रेशन का रूप लेने की संभावना है। हालांकि इस दौरान यह गुजरात के ऊपर चला जाएगा। गुजरात पर निकल जाने के बाद भी इस सिस्टम का प्रभाव मध्य प्रदेश के दक्षिण और पश्चिमी हिस्सों पर बना रहेगा। अगले 24 घंटों तक दक्षिण-पश्चिमी मध्य प्रदेश में घने मॉनसूनी बादल छाए रहेंगे।
मध्य प्रदेश के उज्जैन, इंदौर, रतलाम, खरगौन, खंडवा, बुरहानपुर, झबुआ और अलीराजपुर जिलों में अगले 24 घंटों तक भीषण मॉनसून वर्षा की गतिविधियां जारी रहने के आसार हैं। भीषण बारिश के चलते कई जगहों पर शहरों पर पानी भर सकता है। 16 जुलाई से दक्षिण पश्चिमी भागों में बारिश में व्यापक कमी आएगी लेकिन हल्की से मध्यम वर्षा की गतिविधियां उसके पश्चात 24 से 36 घंटों तक बनी रह सकती हैं।
दूसरी ओर मध्य प्रदेश के ग्वालियर, गुना, शिवपुरी, टीकमगढ़, मुरैना, भिंड जैसे उत्तरी जिलों में मौसम मुख्यतः शुष्क बना हुआ है। यहाँ मॉनसून जल्द सक्रिय नहीं होगा और मौसम शुष्क ही बना रहेगा। दक्षिण-पश्चिमी भागों में भारी बारिश और उत्तरी मध्य प्रदेश में सूखा मौसम दोनों ही स्थितियाँ किसानों के हित में नहीं हैं। राज्य के बाकी हिस्सों की बात करें तो यहाँ कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है।
पिछले 24 घंटों में माउंट आबू में 190 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है। भीरा में 178 मिलीमीटर और रतलाम में 107 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई है।
13 जुलाई तक देश भर में सामान्य से 1 प्रतिशत कम वर्षा रिकॉर्ड की गई है। वर्तमान में, केवल उत्तर पश्चिमी भारत में बारिश का आंकड़ा सामान्य से 32% अधिक है। वहीं, दक्षिण, मध्य, पूर्व और पूर्वोत्तर क्षेत्रों में वर्षा सामान्य से काफी कम है।
अगले 24 घंटों के दौरान, दक्षिण पश्चिम मानसून गुजरात में ज़ोरों पे रहेगा। जबकि दक्षिण पश्चिम मध्य प्रदेश, दक्षिणी राजस्थान, कोंकण और गोवा और तटीय कर्नाटक में मॉनसून की स्थिति सक्रिय रहने की उम्मीद है। हालांकि, सामान्य मानसून की स्थिति केरल, तटीय आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, विदर्भ, पूर्वी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड और ओडिशा के हिस्सों में देखी जाएगी।
मध्य प्रदेश बीते 2-3 दिनों से मॉनसून का प्रमुख केंद्र बना हुआ है। मध्य प्रदेश पर एक गहरे निम्न दबाव का क्षेत्र बना हुआ है जिसके चलते राज्य के लगभग सभी भागों में भारी मॉनसून वर्षा की गतिविधियां देखने को मिल रही हैं। पूर्वी मध्य प्रदेश पर शुरूआत में विकसित हुआ निम्न दबाव का क्षेत्र आगे बढ़ते हुए मध्य भागों पर पहुंचा। जिससे राज्य के मध्य भागों में जबलपुर से लेकर भोपाल तक बीते दिनों में भारी मॉनसून वर्षा रिकॉर्ड की गई है।
मध्य प्रदेश पर बना गहरे निम्न दबाव का क्षेत्र इस समय राज्य के पश्चिमी हिस्सों पर दिखाई दे रहा है। यह धीरे-धीरे दक्षिण पश्चिमी दिशा में आगे बढ़ रहा है। अगले 24 से 48 घंटों में इसके और सशक्त होकर डिप्रेशन का रूप लेने की संभावना है। हालांकि इस दौरान यह गुजरात के ऊपर चला जाएगा। गुजरात पर निकल जाने के बाद भी इस सिस्टम का प्रभाव मध्य प्रदेश के दक्षिण और पश्चिमी हिस्सों पर बना रहेगा। अगले 24 घंटों तक दक्षिण-पश्चिमी मध्य प्रदेश में घने मॉनसूनी बादल छाए रहेंगे।
मध्य प्रदेश के उज्जैन, इंदौर, रतलाम, खरगौन, खंडवा, बुरहानपुर, झबुआ और अलीराजपुर जिलों में अगले 24 घंटों तक भीषण मॉनसून वर्षा की गतिविधियां जारी रहने के आसार हैं। भीषण बारिश के चलते कई जगहों पर शहरों पर पानी भर सकता है। 16 जुलाई से दक्षिण पश्चिमी भागों में बारिश में व्यापक कमी आएगी लेकिन हल्की से मध्यम वर्षा की गतिविधियां उसके पश्चात 24 से 36 घंटों तक बनी रह सकती हैं।
दूसरी ओर मध्य प्रदेश के ग्वालियर, गुना, शिवपुरी, टीकमगढ़, मुरैना, भिंड जैसे उत्तरी जिलों में मौसम मुख्यतः शुष्क बना हुआ है। यहाँ मॉनसून जल्द सक्रिय नहीं होगा और मौसम शुष्क ही बना रहेगा। दक्षिण-पश्चिमी भागों में भारी बारिश और उत्तरी मध्य प्रदेश में सूखा मौसम दोनों ही स्थितियाँ किसानों के हित में नहीं हैं। राज्य के बाकी हिस्सों की बात करें तो यहाँ कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है।
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