आर एस राणा
नई दिल्ली। यूरोपीय यूनियन के देशों ने भारत से बासमती चावल के आयात को बंद करने का फैसला किया है, इसका असर बासमती चावल की कीमतों पर पड़ सकता है। ऑल इंडिया राइस एक्सपोर्ट एसोसिएशन (एआईआरईए) के अनुसार यूरोपीय यूनियन के देशों की बामसती चावल के आयात की अनुमति 31 दिसंबर 2017 तक है, उसके बाद यूरोपीय यूनियन के देशों ने भारत से बासमती चावल के आयात को रोकने का फैसला किया है।
उन्होंने बताया कि यूरोपीय यूनियन के देशों को मुख्यतः बासमती पीबी-1 और 1,401 बासमती चावल का निर्यात होता है, तथा इसमें फंगस नाशक दवाई का छिड़काव अधिक होने के कारण ही इन देशों ने आयात बंद करने का फैसला किया है। इस संबंध में वाणिज्य मंत्रालय और एपीडा के अधिकारी 12 जुलाई को यूरोपीय यूनियन की यात्रा पर जा रहे हैं, जोकि निर्यात जारी रखने के लिए अधिकारियों से वार्ता करेंगे। उन्होंने बताया कि एआईआरईए ने एक साल के लिए निर्यात की अनुमति देने की मांग की है। अगर यूरोपीय यूनियन द्वारा बासमती चावल के आयात पर रोक लगाई तो करीब 3 से 3.50 लाख टन बासमती चावल के निर्यात में कमी आयेगी, जिसका असर घरेलू बाजार में बासमती चावल की कीमतों पर पड़ेगा।................ आर एस राणा
नई दिल्ली। यूरोपीय यूनियन के देशों ने भारत से बासमती चावल के आयात को बंद करने का फैसला किया है, इसका असर बासमती चावल की कीमतों पर पड़ सकता है। ऑल इंडिया राइस एक्सपोर्ट एसोसिएशन (एआईआरईए) के अनुसार यूरोपीय यूनियन के देशों की बामसती चावल के आयात की अनुमति 31 दिसंबर 2017 तक है, उसके बाद यूरोपीय यूनियन के देशों ने भारत से बासमती चावल के आयात को रोकने का फैसला किया है।
उन्होंने बताया कि यूरोपीय यूनियन के देशों को मुख्यतः बासमती पीबी-1 और 1,401 बासमती चावल का निर्यात होता है, तथा इसमें फंगस नाशक दवाई का छिड़काव अधिक होने के कारण ही इन देशों ने आयात बंद करने का फैसला किया है। इस संबंध में वाणिज्य मंत्रालय और एपीडा के अधिकारी 12 जुलाई को यूरोपीय यूनियन की यात्रा पर जा रहे हैं, जोकि निर्यात जारी रखने के लिए अधिकारियों से वार्ता करेंगे। उन्होंने बताया कि एआईआरईए ने एक साल के लिए निर्यात की अनुमति देने की मांग की है। अगर यूरोपीय यूनियन द्वारा बासमती चावल के आयात पर रोक लगाई तो करीब 3 से 3.50 लाख टन बासमती चावल के निर्यात में कमी आयेगी, जिसका असर घरेलू बाजार में बासमती चावल की कीमतों पर पड़ेगा।................ आर एस राणा
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