अनुकूल मौसम रहा तो अरहर की रिकार्ड पैदावार का अनुमान
आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू खरीफ में महाराष्ट्र के साथ ही कर्नाटका में भी अरहर की बुवाई रिकार्ड क्षेत्रफल में हुई है। अरहर की नई फसल की आवक जनवरी में बनेगी, ऐसे में मौसम कटाई तक अनुकूल रहा तो चालू खरीफ में रिकार्ड पैदावार होने का अनुमान है। कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में अभी तक 48.87 लाख हैक्टेयर में अरहर की बुवाई हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 32.31 लाख हैक्टेयर में ही बुवाई हो पाई थी।
अरहर के सबसे बड़े उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में चालू खरीफ में अरहर की बुवाई बढ़कर 14.62 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक केवल 9.48 लाख हैक्टेयर में ही बुवाई हो पाई थी। इसी तरह से कर्नाटका में चालू खरीफ में अरहर की बुवाई बढ़कर 11.39 लाख हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 5.25 लाख हैक्टेयर में बुवाई हुई थी। अन्य राज्यों मध्य प्रदेष में अरहर की बुवाई बढ़कर 6.51 लाख हैक्टेयर में, गुजरात में 3.12 लाख हैक्टेयर में, आंध्रप्रदेष में 2.18 लाख हैक्टेयर में, तेलंगाना में 3.98 लाख हैक्टेयर में और उत्तर प्रदेष में 3.35 लाख हैक्टेयर में अरहर की बुवाई हो चुकी है।
जानकारों के अनुसार फसल सीजन 2013-14 में देष 31.4 लाख टन का रिकार्ड अरहर का उत्पादन हुआ था, उसके बाद से लगातार दो साल से उत्पादन में कमी आई है। फसल सीजन 2014-15 में अरहर की पैदावार घटकर 28.1 लाख टन और फसल सीजन 2015-16 में पैदावार 24.6 लाख टन की ही हुई है। माना जा रहा है कि चालू सीजन 2016-17 में अरहर की रिकार्ड पैदावार 38 से 40 लाख टन होने का अनुमान है।
अरहर की कीमतों में अभी तेजी की संभावना नहीं है। चालू खरीफ में पैदावार तो ज्यादा होने का अनुमान है ही, साथ ही आयातित अरहर भी लगातार आ रही है। आयातित अरहर के भाव षनिवार को मुंबई में 6,700 रुपये प्रति क्विंटल रहे जबकि इंदौर मंडी में अरहर के भाव 6,500 रुपये और दिल्ली में भाव 6,800 रुपये प्रति क्विंटल रहे।.............आर एस राणा
आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू खरीफ में महाराष्ट्र के साथ ही कर्नाटका में भी अरहर की बुवाई रिकार्ड क्षेत्रफल में हुई है। अरहर की नई फसल की आवक जनवरी में बनेगी, ऐसे में मौसम कटाई तक अनुकूल रहा तो चालू खरीफ में रिकार्ड पैदावार होने का अनुमान है। कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में अभी तक 48.87 लाख हैक्टेयर में अरहर की बुवाई हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 32.31 लाख हैक्टेयर में ही बुवाई हो पाई थी।
अरहर के सबसे बड़े उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में चालू खरीफ में अरहर की बुवाई बढ़कर 14.62 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक केवल 9.48 लाख हैक्टेयर में ही बुवाई हो पाई थी। इसी तरह से कर्नाटका में चालू खरीफ में अरहर की बुवाई बढ़कर 11.39 लाख हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 5.25 लाख हैक्टेयर में बुवाई हुई थी। अन्य राज्यों मध्य प्रदेष में अरहर की बुवाई बढ़कर 6.51 लाख हैक्टेयर में, गुजरात में 3.12 लाख हैक्टेयर में, आंध्रप्रदेष में 2.18 लाख हैक्टेयर में, तेलंगाना में 3.98 लाख हैक्टेयर में और उत्तर प्रदेष में 3.35 लाख हैक्टेयर में अरहर की बुवाई हो चुकी है।
जानकारों के अनुसार फसल सीजन 2013-14 में देष 31.4 लाख टन का रिकार्ड अरहर का उत्पादन हुआ था, उसके बाद से लगातार दो साल से उत्पादन में कमी आई है। फसल सीजन 2014-15 में अरहर की पैदावार घटकर 28.1 लाख टन और फसल सीजन 2015-16 में पैदावार 24.6 लाख टन की ही हुई है। माना जा रहा है कि चालू सीजन 2016-17 में अरहर की रिकार्ड पैदावार 38 से 40 लाख टन होने का अनुमान है।
अरहर की कीमतों में अभी तेजी की संभावना नहीं है। चालू खरीफ में पैदावार तो ज्यादा होने का अनुमान है ही, साथ ही आयातित अरहर भी लगातार आ रही है। आयातित अरहर के भाव षनिवार को मुंबई में 6,700 रुपये प्रति क्विंटल रहे जबकि इंदौर मंडी में अरहर के भाव 6,500 रुपये और दिल्ली में भाव 6,800 रुपये प्रति क्विंटल रहे।.............आर एस राणा
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