आर एस राणा
नई दिल्ली। महाराष्ट्र और मध्य प्रदेष में पिछले दो दिनों से हो रही भारी बारिष से कई क्षेत्रों में अरहर की फसल को नुकसान की आषंका है। हालांकि अभी नुकसान के सही आंकलन की खबरें नहीं आई हैं लेकिन जिस तरह से इन राज्यों में भारी बारिष हो रही है, तथा अगले दो-तीन दिन और भारी बारिष की चेतावनी मौसम विभाग ने जारी की है, उसे देखते हुए नुकसान की आषंका बढ़ गई है।
कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में अरहर की बुवाई बढ़कर 46.20 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 29.87 लाख हैक्टेयर में ही बुवाई हुई थी। अरहर के प्रमुख उत्पादक राज्यों महाराष्ट्र में अरहर की बुवाई 14.59 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में राज्य में 9.31 लाख हैक्टेयर मंे बुवाई हुई थी। इसी तरह से कर्नाटका में चालू खरीफ में बुवाई बढ़कर 10.71 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में केवल 3.85 लाख हैक्टेयर में ही बुवाई हुई थी।
अन्य राज्यों मध्य प्रदेष में चालू खरीफ में अरहर की बुवाई 6.31 लाख हैक्टेयर में, तेलंगाना में 3.85 लाख हैक्टेयर में और उत्तर प्रदेष में 2.64 लाख हैक्टेयर में अरहर की बुवाई हो चुकी है।......आर एस राणा
नई दिल्ली। महाराष्ट्र और मध्य प्रदेष में पिछले दो दिनों से हो रही भारी बारिष से कई क्षेत्रों में अरहर की फसल को नुकसान की आषंका है। हालांकि अभी नुकसान के सही आंकलन की खबरें नहीं आई हैं लेकिन जिस तरह से इन राज्यों में भारी बारिष हो रही है, तथा अगले दो-तीन दिन और भारी बारिष की चेतावनी मौसम विभाग ने जारी की है, उसे देखते हुए नुकसान की आषंका बढ़ गई है।
कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में अरहर की बुवाई बढ़कर 46.20 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 29.87 लाख हैक्टेयर में ही बुवाई हुई थी। अरहर के प्रमुख उत्पादक राज्यों महाराष्ट्र में अरहर की बुवाई 14.59 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में राज्य में 9.31 लाख हैक्टेयर मंे बुवाई हुई थी। इसी तरह से कर्नाटका में चालू खरीफ में बुवाई बढ़कर 10.71 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में केवल 3.85 लाख हैक्टेयर में ही बुवाई हुई थी।
अन्य राज्यों मध्य प्रदेष में चालू खरीफ में अरहर की बुवाई 6.31 लाख हैक्टेयर में, तेलंगाना में 3.85 लाख हैक्टेयर में और उत्तर प्रदेष में 2.64 लाख हैक्टेयर में अरहर की बुवाई हो चुकी है।......आर एस राणा
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