मॉनसून की अच्छी बारिश के बाद
राजस्थान में दलहनी फसलों की बुआई 100 फीसदी से अधिक हो गई है। कृषि विभाग
द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार 4 अगस्त तक खरीफ फसलों की बुआई लक्ष्य की 77
फीसदी हो चुकी है। विभाग ने इस वर्ष 159.57 लाख हेक्टेयर में खरीफ फसलों
की बुआई का लक्ष्य रखा है, जबकि अभी तक 123 लाख हेक्टेयर में बुआई हो चुकी
है। कृषि विभाग के अधिकारियों के मुताबिक अभी तक लक्ष्य के मुकाबले मूंग
की 103.6 फीसदी और मोठ की 79.5 फीसदी बुआई हो चुकी है। वहीं उड़द की
122.6 फीसदी, चौला की 110.3 फीसदी बुआई हो गई है। अन्य फसलों में ज्वार की
88.3 फीसदी, बाजरे की 72.5 फीसदी, मक्के की 98, मूंगफली की 87.6, सोयाबीन
की 84.49, कपास की 81.4 फीसदी बुआई हो चुकी है। हालांकि ग्वार की मात्र
53.5 फीसदी बुआई हो पाई है। प्रदेश में किसानों ने इस बार मूंग, चौला,
उड़द, सोयाबीन, बाजरा, ज्वार, मूंगफली की बुआई ज्यादा की है। किसानों का
रुख खरीफ की सबसे प्रमुख फसल ग्वार की ओर नहीं रहा, जिसके चलते इसकी बुआई
काफी पिछड़ी है। भाव मंदे होने के चलते इस साल किसानों का ध्यान दलहनी और
तिलहनी फसलों की ओर ज्यादा है, जिससे ग्वार की बुआई कम हो पाई है। पिछले
साल राजस्थान में ग्वार की बुआई 47.87 लाख हेक्टेयर में हुई थी। इस वर्ष
प्रदेश के कृषि विभाग ने 36 लाख हेक्टेयर में ग्वार की बुआई का लक्ष्य रखा
है, जो पूरा नहीं होने के आसार नजर आ रहे हैं। प्रदेश के व्यापारियों की
मानें तो इस वर्ष ग्वार गम की अच्छी मांग नहीं होने से ग्वार के भाव मंदे
रहे। ऐसे में किसान और व्यापारी अपने पास रखे ग्वार को नहीं बेच पाए। जयपुर
के एक ग्वार व्यापारी ने कहा कि ग्वार के भाव मंदे रहने और दलहनी व तिलहनी
फसलों के भाव तेज रहने के कारण किसान ग्वार की बुआई में कम दिलचस्पी ले
रहे हैं।
13 अगस्त 2016
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