आर एस राणा
नई दिल्ली। जुलाई महीने के आखिरी सप्ताह 25 जुलाई से 31 जुलाई के दौरान केस्टर तेल के निर्यात में 21.29 फीसदी की गिरावट आकर कुल निर्यात 8,711.95 टन का ही हुआ है जबकि इसके पहले सप्ताह में 11,068.04 टन केस्टर तेल का निर्यात हुआ था।
इस दौरान केस्टर तेल के निर्यात सौदे 1,151.35 डॉलर प्रति टन की दर हुए हैं जोकि इसके पहले सप्ताह के मुकाबले 3.84 फीसदी कम है।
चालू वित्त वर्ष 2016-17 की पहली तिमाही अप्रैल से जून के दौरान मूल्य के हिसाब से केस्टर तेल का निर्यात 1,134.27 करोड़ रुपये का ही हुआ है जबकि इसके पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 1,204.85 करोड़ रुपये मूल्य का हुआ था। जानकारों के अनुसार इस दौरान मात्रा के हिसाब से केस्टर तेल के निर्यात में बढ़ोतरी हुई है लेकिन मूल्य के हिसाब से कमी आई है।
केस्टर सीड की दैनिक आवक उत्पादक मंडियों मंे कम है तथा तेल में निर्यात मांग कम होने से मिलों की खरीद भी कम हुई है इसलिए अभी भाव में स्थिरता रह सकती है। दिसा मंडी में केस्टर सीड के भाव 2,480 रुपये प्रति क्विंटल रहे। हालांकि चालू खरीफ में केस्टर सीड की बुवाई में कमी आने की आषंका है इसलिए भविष्य तेजी का ही रहेगा।............आर एस राणा
नई दिल्ली। जुलाई महीने के आखिरी सप्ताह 25 जुलाई से 31 जुलाई के दौरान केस्टर तेल के निर्यात में 21.29 फीसदी की गिरावट आकर कुल निर्यात 8,711.95 टन का ही हुआ है जबकि इसके पहले सप्ताह में 11,068.04 टन केस्टर तेल का निर्यात हुआ था।
इस दौरान केस्टर तेल के निर्यात सौदे 1,151.35 डॉलर प्रति टन की दर हुए हैं जोकि इसके पहले सप्ताह के मुकाबले 3.84 फीसदी कम है।
चालू वित्त वर्ष 2016-17 की पहली तिमाही अप्रैल से जून के दौरान मूल्य के हिसाब से केस्टर तेल का निर्यात 1,134.27 करोड़ रुपये का ही हुआ है जबकि इसके पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 1,204.85 करोड़ रुपये मूल्य का हुआ था। जानकारों के अनुसार इस दौरान मात्रा के हिसाब से केस्टर तेल के निर्यात में बढ़ोतरी हुई है लेकिन मूल्य के हिसाब से कमी आई है।
केस्टर सीड की दैनिक आवक उत्पादक मंडियों मंे कम है तथा तेल में निर्यात मांग कम होने से मिलों की खरीद भी कम हुई है इसलिए अभी भाव में स्थिरता रह सकती है। दिसा मंडी में केस्टर सीड के भाव 2,480 रुपये प्रति क्विंटल रहे। हालांकि चालू खरीफ में केस्टर सीड की बुवाई में कमी आने की आषंका है इसलिए भविष्य तेजी का ही रहेगा।............आर एस राणा
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