आर एस राणा
नई दिल्ली। उंचे भाव में मसाला निर्माताओं के साथ ही निर्यातकों की मांग कम होने से हल्दी की गिरावट दर्ज की गई। प्रमुख हल्दी उत्पादक राज्यों तमिलनाडु और आंध्रप्रदेष में बीते 24 घंटे में बारिष हुई है जिससे आने वाली नई फसल को फायदा होगा। आंध्रप्रदेष की निजामाबाद मंडी में हल्दी के भाव 7,800 रुपये और इरोड़ मंडी में 8,200 रुपये प्रति क्विंटल रहे। इन मंडियों में हल्दी की दैनिक आवक क्रमषः 1,000 और 10,000 बोरी (एक बोरी-70 किलो) की हुई। उधर सेलम मंडी में हल्दी के भाव 9,200 रुपये और नांनदेड़ में 8,500 से 9,000 रुपये प्रति क्विंटल रहे।
हालांकि त्यौहारी सीजन को देखते हुए हल्दी में खपत राज्यों की मांग आगामी दिनों में बढ़ने का अनुमान जबकि आफ सीजन होने के कारण उत्पादक मंडियों में दैनिक आवक कम है। इसलिए आगामी दिनों में घरेलू मसाला कंपनियों के साथ ही निर्यातकों की मांग बढ़ने से भाव में फिर से सुधार आने का अनुमान है।
चालू सीजन में हल्दी की पैदावार तो पिछले साल से कम हुई थी, लेकिन नई फसल की आवक के समय उत्पादक मंडियों में हल्दी का पिछले साल का बकाया स्टॉक ज्यादा बचा हुआ था इसलिए हल्दी की कुल उपलब्धता तो देष में सालाना खपत से ज्यादा ही थी लेकिन अच्छी क्वालिटी का स्टॉक कम था।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में हल्दी का भाव घटकर 3.31 डॉलर प्रति किलो रह गया जबकि पिछले महीने की समान अवधि में इसका भाव 3.53 डॉलर प्रति किलो था। भारतीय मसाला बोर्ड के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2015-16 की पहली तिमाही अप्रैल से जून के दौरान हल्दी के निर्यात में 8 फीसदी की बढ़ोतरी होकर कुल निर्यात 24,500 टन का हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 22,699 टन का ही हुआ था। वित वर्ष 2014-15 के दौरान हल्दी का निर्यात बढ़कर 86,000 टन का हुआ है जबकि वित वर्ष 2013-14 में इसका निर्यात 77,500 टन का हुआ था।........आर एस राणा
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