इस साल प्याज महंगा होने का असर अगले साल इसके उत्पादन पर दिख सकता है। दरअसल प्याज की अच्छी कीमत मिलने से किसान इसकी खेती ज्यादा करने पर जोर दे सकते हैं। जिससे आगामी रबी सीजन में प्याज का उत्पादन बढ़ सकता है। इस माह खरीफ प्याज की आवक बढऩे से मंडियों में प्याज के दाम गिर रहे हैं। अगले महीने से प्याज के दाम और गिर सकते हैं। हालांकि थोक के मुकाबले खुदरा बाजार में प्याज ज्यादा सस्ता नहीं हुआ है।
राष्टï्रीय बागवानी अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठïान (एनएचआरडीएफ) के निदेशक आर पी गुप्ता ने बताया कि इस साल लंबे समय तक प्याज के दाम अधिक रहे हैं। जिससे किसान प्याज की खेती अधिक करने पर जोर दे सकते हैं। इस समय प्याज की नर्सरी लगाई जा रही है। पिछले साल के मुकाबले नर्सरी 10 फीसदी से ज्यादा लगने का अनुमान है। दिसंबर-जनवरी अवधि में प्याज की बुआई होगी जो पिछले साल के मुकाबले अधिक रह सकती है। लिहाजा अगले रबी सीजन में प्याज की पैदावार बढऩे की उम्मीद है।
महाराष्ट्र के प्याज किसान प्रदीप धगे ने कहा कि इस साल प्याज की अच्छी कीमत मिली है। इसलिए किसान रबी में ज्यादा प्याज लगाएंगे। कुल प्याज उत्पादन में रबी सीजन की हिस्सेदारी 60 फीसदी है। खरीफ सीजन के प्याज की आपूर्ति बढऩे से प्याज के दाम गिर रहे हैं। इस माह दिल्ली की आजादपुर मंडी में प्याज की मॉडल कीमत 2,590 रुपये से घटकर करीब 1,780 रुपये, महाराष्ट्र की लासलगांव मंडी में 2,200 रुपये से गिरकर 1,875 रुपये, इंदौर में 1,500 रुपये से घटकर 1,250 रुपये और अलवर में 2,275 रुपये से घटकर 1,595 रुपये प्रति क्विंटल रह गई है।
दिल्ली के खुदरा बाजार में प्याज 40 रुपये किलोग्राम बिक रहा है। आजादपुर मंडी के प्याज कारोबारी पी एम शर्मा ने कहा कि महाराष्ट्र गुजरात, मध्य प्रदेश और राजस्थान में खरीफ प्याज की आवक बढऩे से प्याज की कीमतों में गिरावट देखी जा रही है। गुप्ता ने आगे कीमतों के बारे में बताया कि अगले माह खासकर दिल्ली में अलवर का प्याज बड़े पैमाने पर आने से दाम और गिरेंगे। देश के अन्य हिस्सों में प्याज सस्ता होने की संभावना है।
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