आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू वित्त वर्ष 2015-16 में देष से बासमती चावल के निर्यात में 10 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी होने का अनुमान है। खाड़ी देषों के साथ ही यूरोप की मांग बढ़ने से देष से पहली छमाही अप्रैल से सितंबर के दौरान बासमती चावल का निर्यात 27 फीसीद बढ़कर 20.84 लाख टन का हो चुका है।
एपीडा के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार घरेलू मार्किट में बासमती चावल की कीमतें कम होने के कारण निर्यात में बढ़ोतरी हो रही है। उन्होंने बताया कि चालू वित्त वर्ष में कुल निर्यात में 10 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी होने का अनुमान है। वित्त वर्ष 2014-15 में देष से बासमती चावल का 37 लाख टन का निर्यात हुआ था जोकि वित्त वर्ष 2013-14 केे 37.5 लाख टन से थोड़ा कम था। इस समय साउदी अरब, इराक, यूएई, अमेरिका और यूरोपियन यूनियन के देषों की आयात मांग ज्यादा है जबकि आगामी दिनों में ईरान की आयात मांग में और बढ़ोतरी होगी।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2015-16 की पहली छमाही अप्रैल से सितंबर के दौरान मूल्य के हिसाब से बासमती चावल के निर्यात में 11.05 फीसदी कमी आई है। इस दौरान 12,308.89 करोड़ रुपये मूल्य का बासमती चावल का निर्यात हुआ है जबकि वित्त वर्ष 2014-15 की पहली छमाही में 13,837.68 करोड़ रुपये का हुआ था।
उत्पादक मंडियों में पूसा-1,121 बासमती चावल सेला के भाव 3,700 से 4,000 रुपये और रॉ के भाव 4,100 से 4,500 रुपये और स्टीम के भाव 4,300 से 4,600 प्रति क्विंटल है जोकि पिछले साल की तुलना में करीब 1,000 से 1,200 रुपये प्रति क्विंटल कम हैं। डीपी सेला चावल के भाव मंडी में 3,400 रुपये, स्टीम के 3,800 रुपये रॉ के भाव 4,200 से 4,500 रुपये प्रति क्विंटल हैं। .......आर एस राणा
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