प्रमुख उत्पादक राज्य आंध्रप्रदेष में स्टॉक कम, नई फसल की आवक जनवरी के आखिर में
आर एस राणा
नई दिल्ली। लालमिर्च में दिसंबर में निर्यातकों के साथ ही घरेलू मसाला कंपनियों की मांग निकलने से कीमतों में तेजी आने का अनुमान है। मध्य प्रदेष में तो लालमिर्च की पैदावार में कमी आई ही है, साथ ही आंध्रप्रदेष में लालमिर्च का बकाया स्टॉक पिछले साल की तुलना में कम है जबकि मौजूदा हालात में लालमिर्च की नई पैदावार भी पिछले साल की तुलना में कम होने का अनुमान है।
गुंटूर मंडी मंे मंगलवार को 334 किस्म की लालमिर्च के भाव 10,500 से 12,100 रुपये, तेजा क्वालिटी की लालमिर्च के भाव 10,500 से 11,500 रुपये प्रति क्विंटल, 341 क्वालिटी की लालमिर्च के भाव 11,000 से 12,300 रुपये, ब्याडगी क्वालिटी की लालमिर्च के भाव 10,400 से 11,000 रुपये प्रति क्विंटल तथा फटकी क्वालिटी की लालमिर्च के भाव 8,500 से 9,500 रुपये प्रति क्विंटल रहे।
चीन में लालमिर्च की नई फसल आने से नवंबर महीने में देष से लालमिर्च के निर्यात में कमी देखी गई, इस समय केवल श्रीलंका और बंगलादेष की आयात मांग निकल रही है लेकिन अब चीन में दैनिक आवक घट रही है जिससे उम्मीद है दिसंबर में भारत से लालमिर्च के निर्यात में बढ़ोतरी आयेगी। आंध्रप्रदेष में इस समय लालमिर्च का केवल 10 से 11 लाख बोरी का स्टॉक ही बचा हुआ है जबकि नई फसल की दैनिक आवक जनवरी के आखिर में ष्षुरु होगी। वैसे भी आंध्रप्रदेष में साइक्लोन से लालमिर्च की फसल को नुकसान भी हुआ है। कुछ क्षेत्रों में बारिष की कमी भी है। ऐसे में लालमिर्च की पैदावार आंध्रप्रदेष में पिछले साल की तुलना में घटने की आषंका है। हालांकि उत्पादक राज्यों में अभी बारिष हो जाती है तो फसल के लिए अच्छी होगी। इससे प्रति हैक्टेयर उत्पादकता में बढ़ोतरी हो सकती है।
भारतीय मसाला बोर्ड के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2015-16 की पहली तिमाही अप्रैल से जून के दौरान लालमिर्च के निर्यात में 4 फीसदी की बढ़ोतरी होकर कुल निर्यात 81,000 टन का हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 77,720 टन का ही हुआ था। चालू वित्त वर्ष में निर्यात का कुल लक्ष्य 3.15 लाख टन का है। विष्व बाजार में भारतीय लालमिर्च के भाव 3.42 डॉलर प्रति किलो है जबकि पिछले साल इस समय भाव 2.57 डॉलर प्रति किलो थे।.......आर एस राणा
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