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14 नवंबर 2015

मसाला बोर्ड ने 2017 तक 3 अरब डॉलर के निर्यात का रखा लक्ष्य


केंद्रीय वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारामन ने हाल में कहा था कि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए स्थापित किए गए विभिन्न बोर्डों के प्रदर्शन की समीक्षा की जानी चाहिए क्योंकि उनमें से बहुत से उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं। हालांकि मसाला बोर्ड इसका एक अपवाद है। पूरे विश्व में भारतीय मसालों को बढ़ावा देने के लिए स्थापित मसाला बोर्ड ने गुणवत्ता में सुधार, मूल्य संवर्धन, ग्रेडिंग पद्धति, प्रसंस्करण तकनीकों और भंडारण सुविधाओं में सुधार के लिए विभिन्न कार्यक्रम शुरू किए हैं। इन उपायों के अच्छे नतीजे आए हैं। भारत से मसालों का निर्यात वित्त वर्ष 2015-16 की पहली तिमाही में 30 फीसदी बढ़कर 3,976.65 करोड़ रुपये (62.68 करोड़ डॉलर) हो गया है, जो पिछले साल की इसी अवधि में 3,059.74 करोड़ रुपये (51.12 करोड़ डॉलर) था। आलोच्य अवधि में 2,15,215 टन मसालों का निर्यात हुआ, जो पिछले साल की इसी अवधि में 2,13,443 टन था।
वित्त वर्ष 2015 में 14,899.68 करोड़ रुपये (2.43 अरब डॉलर) के कुल 8,93,920 टन मसालों एवं इनसे बने उत्पादों का निर्यात हुआ था, जबकि वित्त वर्ष 2014 में 13,735.39 करोड़ रुपये (2.27 अरब डॉलर) के मसालों का निर्यात हुआ था। मसाला बोर्ड के चेयरमैन ए जयतिलक ने कहा, 'निर्यात में अहम बढ़ोतरी वैश्विक स्तर पर भारतीय मसालों को प्रोत्साहन देने के लिए बोर्ड द्वारा उठाए गए कदमों के नतीजतन हुई है।' पिछले साल 2.4 अरब डॉलर का निर्यात हुआ था और बोर्ड को उम्मीद है कि वर्ष 2017 तक निर्यात 3 अरब डॉलर के आंकड़े को छू जाएगा। इस समय भारत 52 तरह के मसालों का निर्यात करता है। 
मसाला बोर्ड कुल निर्यात में मूल्य संवर्धित मसालों का हिस्सा बढ़ाना चाहता है। यह 1987 में 10 फीसदी के स्तर से बढ़कर पिछले साल 52 फीसदी पर पहुंच गया। अगले 20 से 25 वर्षों में इसे 100 फीसदी करने का लक्ष्य है। यूरोपीय संघ के माल को रद्द करने का स्तर घटकर पिछले साल 16 खेप पर आ गया, जो वर्ष 2010-11 में 180 खेप था। अगले दो वर्षों में इसे शून्य पर लाने का लक्ष्य है। जयतिलक ने कहा, 'कड़े मानकों एवं परीक्षणों से हम खेप रद्द होने की दर को नीचे लाएंगे। हमारा लक्ष्य इसे दो वर्षों में शून्य पर लाने का है। हमारी टीम पूरी मूल्य शृंखला की जांच करती है क्योंकि मिलावट कहीं भी हो सकती है। इन नमूनों को नियमित रूप से विदेशी प्रयोगशालाओं में भेजा जाता है।' (BS Hindi)

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