मध्य दिसंबर तक भाव में तेजी रहने की संभावना
आर एस राणा
नई दिल्ली। हल्दी के प्रमुख उत्पादक राज्यों आंध्रप्रदेष और महाराष्ट्र में बारिष की कमी से हल्दी की पैदावार में कमी आने की आषंका है इसलिए हल्दी की कीमतों में तेजी बनी हुई है। उत्पादक मंडियों में महीने भर में हल्दी की कीमतों में करीब 2,500 से 3,000 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आ चुकी है। आंध्रप्रदेष की निजामाबाद मंडी में हल्दी के भाव 9,500 से 10,000 रुपये और तमिलनाडु की इरोड़ मंडी में 9,800 से 10,200 रुपये प्रति क्विंटल रहे।
चालू सीजन में हल्दी की बुवाई तो अच्छी हुई है लेकिन आंध्रप्रदेष के निजामाबाद और महाराष्ट्र के मराठवाड़ा में बारिष की कमी से प्रति हैक्टेयर पैदावार में कमी आने की आषंका है। हालांकि तमिलनाडु में अभी तक मौसम फसल के अनुकूल रहा है जिससे कुल पैदावार पिछले साल की तुलना में ज्यादा होगी, लेकिन देष में हल्दी की कुल पैदावार पिछले साल से कम होने की आषंका है। माना जा रहा है कि नई फसल की पैदावार 55 से 60 लाख बोरी (एक बोरी-70 किलो) ही होगी जबकि इस समय उत्पादक मंडियों में हल्दी का बकाया स्टॉक 25 से 30 लाख बोरी का बचा हुआ है। नई फसल तक इसमें से करीब 15 से 18 लाख बोरी की खपत हो जायेगी।
आंध्रप्रदेष और महाराष्ट्र में बारिष हो जाती है तो फिर हल्दी की फसल को फायदा होगा जिसका असर इसकी कीमतों पर भी पड़ेगा। घरेलू मार्किट में भाव उंचे होने के कारण हल्दी की निर्यात सौदों में भी पहले की तुलना में कमी कमी आई है। वैसे भी हल्दी की कीमतों में आई भारी तेजी का प्रमुख स्टॉकिस्टों की पकड़ मजबूत होना है। ऐसे में माना जा रहा है कि हल्दी की कीमतों में तेजी मध्य दिसंबर तक जारी रह सकती है उसके बाद भाव में गिरावट आ सकती है।
भारतीय मसाला बोर्ड के अनुसार चालू वित वर्ष 2015-16 में हल्दी की पैदावार 24,500 टन होने का अनुमान है जबकि पिछले वित वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 22,699 टन का हुआ था। मसाला बोर्ड ने चालू वित वर्ष में निर्यात का लक्ष्य 80,000 टन का रखा है।..........आर एस राणा
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें