राजस्थान उच्च कपास उत्पादकता हासिल करने वाले राज्य के रूप में उभर रहा
है। वर्ष 2014-15 की शुरुआत में कपास सलाहकार बोर्ड ने अनुमान जताया था कि
हरियाणा में कपास की उत्पादकता सबसे अधिक 665 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर
रहने और राजस्थान की उत्पादकता 636 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर रहेगी।
हरियाणा में हाल में कीटों के प्रकोप से उसकी उत्पादकता बुरी तरह प्रभावित
होगी और राजस्थान की उत्पादकता सबसे अधिक रहने का अनुमान है।
हालांकि कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन टेक्सटाइल इंडस्ट्री का कपास विकास एवं अनुसंधान संगठन (सिटी सीडीआरए) राजस्थान में काफी पहले से सक्रिय है, जिसने पिछले कुछ वर्षों के दौरान उत्पादकता बढ़ाने में अहम योगदान दिया है। अब उसने राज्य में उत्पादकता को बढ़ाकर 1,000 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर के स्तर पर लाने की योजना बनाई है। जब इस संगठन ने राज्य में उत्पादकता बढ़ाने की मुहिम शुरू की थी, तब राजस्थान में उत्पादकता 300 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर के आसपास थी। बढ़ती उत्पादकता से राजस्थान का कपास उत्पादन भी बढ़कर करीब 1.7 लाख गांठ (प्रत्येक 170 किलोग्राम) हो गया है।
सिटी की कपास पर स्थायी समिति के चेयरमैन पी डी पाटोदिया ने राजस्थान में किसानों को संबोधित करते हुए कहा, 'इस परियोजना को राज्य कृषि विभाग, राजस्थान सरकार, राजस्थान कपड़ा मिल संघ और बेयर क्रॉप साइंस के साथ मिलकर अंजाम दिया जा रहा है और उत्पादकता को बढ़ाकर 1,000 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर करने का लक्ष्य तय किया है।' सीसीआई के पूर्व सीएमडी एम बी लाल ने कहा कि किसानों को मंडी लगी हुईं प्रयोगशालाओं में अपने कपास का परीक्षण कराना चाहिए, ताकि मंडियों में अपना कपास बेचते समय उन्हें अच्छी कीमत मिले। (BS Hindi)
हालांकि कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन टेक्सटाइल इंडस्ट्री का कपास विकास एवं अनुसंधान संगठन (सिटी सीडीआरए) राजस्थान में काफी पहले से सक्रिय है, जिसने पिछले कुछ वर्षों के दौरान उत्पादकता बढ़ाने में अहम योगदान दिया है। अब उसने राज्य में उत्पादकता को बढ़ाकर 1,000 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर के स्तर पर लाने की योजना बनाई है। जब इस संगठन ने राज्य में उत्पादकता बढ़ाने की मुहिम शुरू की थी, तब राजस्थान में उत्पादकता 300 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर के आसपास थी। बढ़ती उत्पादकता से राजस्थान का कपास उत्पादन भी बढ़कर करीब 1.7 लाख गांठ (प्रत्येक 170 किलोग्राम) हो गया है।
सिटी की कपास पर स्थायी समिति के चेयरमैन पी डी पाटोदिया ने राजस्थान में किसानों को संबोधित करते हुए कहा, 'इस परियोजना को राज्य कृषि विभाग, राजस्थान सरकार, राजस्थान कपड़ा मिल संघ और बेयर क्रॉप साइंस के साथ मिलकर अंजाम दिया जा रहा है और उत्पादकता को बढ़ाकर 1,000 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर करने का लक्ष्य तय किया है।' सीसीआई के पूर्व सीएमडी एम बी लाल ने कहा कि किसानों को मंडी लगी हुईं प्रयोगशालाओं में अपने कपास का परीक्षण कराना चाहिए, ताकि मंडियों में अपना कपास बेचते समय उन्हें अच्छी कीमत मिले। (BS Hindi)
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