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10 नवंबर 2015

विष्व बाजार में खली की कीमतों में गिरावट से क्रेसिंग प्लांट बंदी के कगार पर


अक्टूबर में खली के निर्यात में 94 फीसदी की भारी गिरावट
आर एस राणा
नई दिल्ली। विष्व बाजार में खली की कीमतें कम होने के कारण भारत से निर्यात में भारी गिरावट बनी हुई है। इससे देष के क्रेसिंग प्लांटों पर बंदी का खतरा पैदा हो गया है। अक्टूबर महीने में देष से खली के निर्यात में 94 फीसदी की भारी गिरावट आकर कुल निर्यात 13,716 टन का ही हुआ है।
साल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएषन आफ इंडिया (एसईए) के अनुसार विष्व बाजार में खली की कीमतें नीचे बनी हुई है जबकि घरेलू बाजार में सीड के दाम ज्यादा होने के कारण निर्यात पड़ते नहीं लग रही है। विष्व बाजार में अर्जेटीना और ब्राजील की सोया खली के दाम करीब 360 से 370 डॉलर प्रति टन हैं जबकि भारतीय सोया खली के भाव 500 डॉलर प्रति टन से भी ज्यादा है। यहीं कारण है कि देष के खली के निर्यात में भारी कमी देखी जा रही है, जिस कारण मध्य प्रदेष और महाराष्ट्र के कुछ प्लांटों ने क्रेसिंग बंद कर दी है। जो चल रह हैं उनकी आर्थिक हालत भी खराब है।
एसईए के अनुसार अक्टूबर में देष से केवल 13,716 टन खली का ही निर्यात हुआ है जबकि पिछले साल अक्टूबर महीने में 238,703 टन खली का निर्यात हुआ था। चालू वित्त वर्ष 2015-16 के पहले सात महीनों अप्रैल से अक्टूबर के दौरान देष से केवल 763,113 टन खली का ही निर्यात हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 1,263,073 टन खली का निर्यात हुआ था।
घरेलू बाजार में सोयाबीन और सरसों की दाम ज्यादा है जबकि विष्व बाजार में खली की कीमतें कम है इसी कारण निर्यात में गिरावट देखी जा ही है। भारतीय बंदरगाह पर सोया खली के दाम बढ़कर 511 डॉलर प्रति टन हो गए है जबकि सितंबर में इसके भाव 485 डॉलर प्रति टन थे। इस दौरान सरसों खली के दाम 288 डॉलर प्रति टन से बढ़कर 302 डॉलर और मूंगखली खली के दाम 432 डॉलर प्रति टन से बढ़कर 448 डॉलर प्रति टन हो गए हैं।........आर एस राणा

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