संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के वर्ष 2010 में मॉनसेंटो के
बीटी बैगन की व्यावसायिक खेती पर रोक लगाने के बाद पहली बार सरकार को
किसानों को सरसों की जीन संवर्धित हाइब्रिड किस्म की खेती करने के लिए पांच
वर्षों के भीतर मंजूरी देने का प्रस्ताव मिला है। इस प्रस्ताव पर फैसला
सरकार के पक्ष में पर्यावरण मंत्रालय द्वारा लिया जाएगा। ऐसा पहली बार होगा
जब सरकार के पास जीएम सरसों की व्यावसायिक खेती का प्रस्ताव आया है। वर्ष
2002 में तत्कालीन केंद्र सरकार ने निजी क्षेत्र की बीज विनिर्माता बायेर
की ट्रांसजेनिक सरसों की व्यावसायिक खेती के प्रस्ताव को रद्द कर दिया था।
दिल्ली विश्वविद्यालय में जीएम सरसों बीज के डेवलपर डॉ. दीपक पेंटल ने कहा कि उन्होंने यह प्रस्ताव सितंबर के मध्य में जेनेटिक इंजीनियरिंग अप्रैजल कमेटी (जीईएसी) को भेजा था। जीईएसी एक वैधानिक संस्था है, जो जीएम फसलों के फील्ड ट्रायल और वाणिज्यिक बिक्री का मूल्यांकन करती है। लेकिन इसकी सिफारिशें मानने के लिए सरकार बाध्य नहीं है। ऐसी स्वीकृतियों पर अंतिम फैसला केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री करता है। पर्यावरण मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जीईएसी की बैठक की तारीख अभी तय नहीं की गई है और यह आगामी सप्ताह में होने के आसार नहीं हैं। जीईएसी के एक सदस्य ने नाम न प्रकाशित करने का आग्रह करते हुए बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि समिति की बैठक 8 नवंबर के बाद होने के आसार हैं। (BS Hindi)
दिल्ली विश्वविद्यालय में जीएम सरसों बीज के डेवलपर डॉ. दीपक पेंटल ने कहा कि उन्होंने यह प्रस्ताव सितंबर के मध्य में जेनेटिक इंजीनियरिंग अप्रैजल कमेटी (जीईएसी) को भेजा था। जीईएसी एक वैधानिक संस्था है, जो जीएम फसलों के फील्ड ट्रायल और वाणिज्यिक बिक्री का मूल्यांकन करती है। लेकिन इसकी सिफारिशें मानने के लिए सरकार बाध्य नहीं है। ऐसी स्वीकृतियों पर अंतिम फैसला केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री करता है। पर्यावरण मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जीईएसी की बैठक की तारीख अभी तय नहीं की गई है और यह आगामी सप्ताह में होने के आसार नहीं हैं। जीईएसी के एक सदस्य ने नाम न प्रकाशित करने का आग्रह करते हुए बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि समिति की बैठक 8 नवंबर के बाद होने के आसार हैं। (BS Hindi)
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