पछेती बुवाई से प्रति हैक्टेयर उत्पादकता में कमी आने की आषंका
आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू रबी सीजन में गेहूं की बुवाई 300 लाख हैक्टेयर से ज्यादा होने का अनुमान है लेकिन पछेती बुवाई होने से प्रति हैक्टेयर उत्पादकता में कमी आने की आषंका है। इस बार अभी तक गेहूं की बुवाई पिछले साल की तुलना में 28 फीसदी से ज्यादा पिछड़ रही है।
गेहूं अनुसंधान निदेषालय (डीडब्लूआर) की प्रोजेक्ट डायरेक्टर इंदु षर्मा ने बताया कि गेहूं की बुवाई में देरी जरुर हुई है लेकिन प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्यों पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेष और उत्तर प्रदेष में किसान गेहूं की बुवाई को ही तरजीह दे रहे हैं हां इन राज्यों में गेहूं की पछेती बुवाई ज्यादा हो रही है। उन्होंने बताया कि चालू रबी में बुवाई तो 300 लाख हैक्टेयर से भी ज्यादा क्षेत्रफल होने का अनुमान है लेकिन बुवाई में देरी के कारण गेहूं की प्रति हैक्टेयर उत्पादकता में जरुर कमी आने की आषंका है। इससे कुल पैदावार पिछले साल की तुलन में कम होने का अनुमान है।
कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू रबी में गेहूं की बुवाई अभी तक केवल 78.83 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई 107.35 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी।
मंत्रालय के पहले आरंभिक अनुमान के अनुसार गेहूं का उत्पादन 2015-16 में 906.1 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल 2014-15 में 889.4 लाख टन गेहूं का उत्पादन हुआ था।.......आर एस राणा
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