सरकार चालू विपणन वर्ष में केवल 20-25 लाख गांठ कपास खरीद सकती है क्योंकि देश के कई हिस्सों में कपास का मूल्य, समर्थन मूल्य से अधिक है। सार्वजनिक क्षेत्र की भारतीय कपास निगम (सीसीआई) ने 2014-15 में 87 लाख गांठ (एक गांठ में 170 किलो कपास आता है)कपास खरीदा। कपास का विपणन वर्ष अक्तूबर से सितंबर तक चलता है। सीसीआई के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक बी.के. मिश्र ने बताया, 'हमने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कपास की खरीद शुरू की है। पिछले साल की तुलना में हम इस बार 20-25 लाख गांठ से अधिक कपास नहीं खरीदेंगे क्योंकि बिनौले की कीमत अपेक्षाकृत बेहतर हैं।'
उन्होंने कहा कि सीसीआई ने तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में अभी तक 3,000-4,000 गांठ कपास खरीदा है। 'हम महाराष्ट्र में कपास की खरीद करेंगे, लेकिन अन्य राज्यों में हम नगण्य मात्रा में कपास की खरीद कर सकते हैं।' उन्होंने कहा कि निगम ने देशभर में 300 से अधिक केंद्र खोलने की योजना बनाई है और हम मुख्यरूप से तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और आंशिक रूप से महाराष्ट्र में खरीद करेंगे।' सीसीआई ने तेलंगाना में 84 केंद्र और आंध्र प्रदेश में 25 केंद्र खोले हैं। मिश्र ने कहा कि इस सीजन कपास की खरीद काफी कम रहेगी क्योंकि ज्यादातर जगहों पर कीमतें एमएसपी से नीचे नहीं आई हैं। सीसीआई अपेक्षाकृत अधिक मूल्य पर खरीद करेगा।(BS Hindi)
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