केरल में प्राकृतिक रबर का उत्पादन पिछले वित्त वर्ष के दौरान 15 फीसदी से अधिक घटा है, क्योंकि अच्छी कीमत नहीं मिलने के कारण रबर उत्पादक रबर निकालने से दूर रहे। रबर बोर्ड द्वारा हाल में जारी आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2014-15 के दौरान प्राकृतिक रबर का उत्पादन 6,55,000 टन रहा, जो 2013-14 में उत्पादित 7,74,000 टन के मुकाबले 15.4 फीसदी कम है। केरल का देश के कुल रबर उत्पादन में 90 फीसदी से अधिक योगदान है। राज्य में कुल 5.45 लाख हेक्टेयर में रबर की बागवानी होती है। इसके अलावा 11.50 लाख किसान रबर उत्पादन से जुड़े हैं और इनमें से ज्यादातर के बागान का रकबा छोटा है।
कोचीन रबर कारोबारी संघ के अध्यक्ष एन राधाकृष्णन ने कहा, 'उत्पादन में कटौती की मुख्य वजह यह है कि प्राकृतिक रबर की कीमत में भारी गिरावट के कारण बहुत से लोगों ने रबर का दोहन नहीं किया।' रबर बोर्ड ने कहा कि मार्च 2015 में उत्पादन 26.6 फीसदी घटकर 35,000 टन रहा, जो मार्च 2014 में 47,700 टन था। टायर विनिर्माण समेत विभिन्न उद्योगों द्वारा कुल रबर खपत 2014-15 में 10,18,185 टन रही, जो पिछले साल के मुकाबले 3.7 फीसदी अधिक है। वित्त वर्ष 2014-15 में कुल रबर आयात 4,14,606 टन रहा, जो इससे पिछले साल के मुकाबले 54,000 टन अधिक है।
सोयाखली निर्यात से विदेशी आय गिरी
वित्त वर्ष 2014-15 में भारत का सोयाखली निर्यात 77.25 फीसदी की मात्रात्मक गिरावट के साथ 6,46,487 टन रह गया। इसके साथ ही, आलोच्य वर्ष के दौरान इस उत्पाद के निर्यात से देश की विदेशी मुद्रा आय लगभग 80 फीसदी घटकर 2022.26 करोड़ रुपये पर पहुंच गई। प्रसंस्करणकर्ताओं के इंदौर स्थित औद्योगिक संगठन सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सोपा) द्वारा मुहैया कराए आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2014-15 के दौरान भारत से 2,022.26 करोड़ रुपये की अनुमानित कीमत की 6,46,487 टन सोयाखली का निर्यात किया गया। वित्त वर्ष 2013-14 के दौरान भारत ने 28,40,875 टन सोयाखली का निर्यात किया था और इससे 9976.41 करोड़ रुपये के अनुमानित मूल्य की विदेशी मुद्रा कमाई थी। जानकारों के मुताबिक वर्ष 2014 में विश्व में सोयाबीन की बंपर पैदावार हुई थी। (BS Hindi)
कोचीन रबर कारोबारी संघ के अध्यक्ष एन राधाकृष्णन ने कहा, 'उत्पादन में कटौती की मुख्य वजह यह है कि प्राकृतिक रबर की कीमत में भारी गिरावट के कारण बहुत से लोगों ने रबर का दोहन नहीं किया।' रबर बोर्ड ने कहा कि मार्च 2015 में उत्पादन 26.6 फीसदी घटकर 35,000 टन रहा, जो मार्च 2014 में 47,700 टन था। टायर विनिर्माण समेत विभिन्न उद्योगों द्वारा कुल रबर खपत 2014-15 में 10,18,185 टन रही, जो पिछले साल के मुकाबले 3.7 फीसदी अधिक है। वित्त वर्ष 2014-15 में कुल रबर आयात 4,14,606 टन रहा, जो इससे पिछले साल के मुकाबले 54,000 टन अधिक है।
सोयाखली निर्यात से विदेशी आय गिरी
वित्त वर्ष 2014-15 में भारत का सोयाखली निर्यात 77.25 फीसदी की मात्रात्मक गिरावट के साथ 6,46,487 टन रह गया। इसके साथ ही, आलोच्य वर्ष के दौरान इस उत्पाद के निर्यात से देश की विदेशी मुद्रा आय लगभग 80 फीसदी घटकर 2022.26 करोड़ रुपये पर पहुंच गई। प्रसंस्करणकर्ताओं के इंदौर स्थित औद्योगिक संगठन सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सोपा) द्वारा मुहैया कराए आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2014-15 के दौरान भारत से 2,022.26 करोड़ रुपये की अनुमानित कीमत की 6,46,487 टन सोयाखली का निर्यात किया गया। वित्त वर्ष 2013-14 के दौरान भारत ने 28,40,875 टन सोयाखली का निर्यात किया था और इससे 9976.41 करोड़ रुपये के अनुमानित मूल्य की विदेशी मुद्रा कमाई थी। जानकारों के मुताबिक वर्ष 2014 में विश्व में सोयाबीन की बंपर पैदावार हुई थी। (BS Hindi)
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