अक्षय तृतीया के दिन सोने के आभूषणों की जमकर खरीदारी की उम्मीद से ज्वैलरी
बाजार चमकने लगे हैं। पिछले साल की अपेक्षा सोना सस्ता होने और रिकॉर्ड
विवाह लग्न के कारण आभूषणों की बुकिंग जोरों पर है। बाजार में ग्राहकों की
उमड़ती भीड़ से ज्वैलरी दुकानों की रौनक बढ़ गई है। ज्वैलर भी ग्राहकों पर
दरियादिली दिखाते हुए ऑफर की बरसात कर रहे हैं। वे सोने और हीरे के गहनों
की बनवाई (मेकिंग चार्ज) पर 25 से 100 फीसदी तक की छूट दे रहे हैं।
इस बार अक्षय तृतीया 21 अप्रैल को है। मान्यतानुसार इस दिन सोने-चांदी की खरीदारी बेहद शुभ मानी जाती है। इस मान्यता को भुनाने के लिए ज्वैलरों ने पूरी तैयारी की है। ग्राहकों को रिझाने के लिए ज्वैलर अपने हिसाब से छूट दे रहे हैं। मुंबई ज्वैलर्स एसोसिएशन के सचिव कुमार जैन कहते हैं कि सोना पिछले साल की अपेक्षा करीब 2,000 रुपये सस्ता है जिसकी वजह से ग्राहकों में खरीदारी के प्रति जोश है। लोग आठ दिन पहले से अपने आभूषणों की बुकिंग कर रहे हैं। आभूषणों के साथ ही सोने के सिक्के और बिस्किट और बार की भी खूब बुकिंग हुई है। जैन कहते हैं कि ग्राहकों की संख्या को देखते हुए कहा जा सकता है कि इस बार अक्षय तृतीया में पिछले साल की अपेक्षा 25 फीसदी अधिक बिक्री होगी। ग्राहकों को रिझाने के लिए ज्वैलर मेकिंग चार्ज में भारी छूट दे रहे हैं।
गौरतलब है कि इस साल घरेलू बाजार में मांग बढऩे के बावजूद सोना 27,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के नीचे बना हुआ है जबकि पिछले साल अक्षय तृतीया के दिन सोना 29,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के करीब था। मेकिंग चार्ज में छूट देने के साथ ज्वैलरों ने ग्राहकों की पसंद को देखते हुए नए डिजाइन और हल्के वजन के आभूषण बाजार में उतारे हैं। जीजेएफ के निदेशक रमन सोलंकी कहते हैं कि हमारे देश में मुहूर्त का बहुत महत्त्व होता है। ज्वैलरी और बुलियन बाजार तो सीधे प्रभावित होता है। सोने की कीमतें लंबे समय से एक रेंज में चल रही हैं जिससे लोग मानसिक तौर पर आभूषण खरीदने का मन बना चुके हैं।
ग्राहकों की मांग को देखते हुए ज्वैलरों ने हल्के और बेहतरीन डिजाइन तैयार किए हैं। हीरे के आभूषणों में मेकिंग चार्ज में 100 फीसदी तक की छूट दी जा रही है। अब ज्वैलर भी अपने ब्रांड से समझौता नहीं करते हैं और यही वजह है कि लगभग सभी ज्वैलर हॉल मार्क आभूषणों के साथ पूरा बिल और सोने की गुणवत्ता बता रहे हैं। अक्षय तृतीया से ज्वैलरों की उम्मीद सोने के आयात पर भी देखने को मिलती है। अक्षय तृतीया के दिन ज्वैलरों की मांग को पूरा करने के लिए मार्च के दौरान देश में बड़े पैमाने पर सोने का आयात हुआ। मार्च में 125 टन सोने का आयात किया गया जबकि फरवरी महीने में महज 60 टन सोने का आयात हुआ था और पिछले साल मार्च में 80 टन सोने का आयात हुआ था।
देश की सोने-चांदी के आभूषणों की सबसे बड़ी मंडी में ज्वैलर दावे के साथ कह रहे हैं कि इस बार रिकॉर्ड बिक्री होगी। हालांकि सोने और हीरे के आभूषणों की बड़ी ब्रांडेड कंपनियों का कहना है कि उम्मीद तो बहुत हैं लेकिन ग्राहकों का उत्साह अभी तक खास नहीं दिख रहा है, विशेषकर हीरे के आभूषणों से ग्राहक दूरी बनाए हुए हैं। 21 अप्रैल को अक्षय तृतीया पर सौभाग्य समृद्धि योग होने से इस दिन रिकॉर्ड विवाह लग्न है। आचार्य प्रदीप द्विवेदी के मुताबिक अक्षय तृतीया कृतिका नक्षत्र में पड़ रही है। इस दिन आभूषण, वस्त्र, इत्यादि खरीदने के लिए शुभ मुहूर्त है। इस बार बैसाख और ज्येष्ठ में कई विशेष विवाह लग्न हैं। लग्न अधिक होने के कारण ज्वैलर उम्मीद कर रहे हैं कि इस बार सोना सस्ता होने से लोग विवाह में जमकर खरीदारी करेंगे और उसकी झलक बाजार में देखने को मिल रही है। (BS Hindi)
इस बार अक्षय तृतीया 21 अप्रैल को है। मान्यतानुसार इस दिन सोने-चांदी की खरीदारी बेहद शुभ मानी जाती है। इस मान्यता को भुनाने के लिए ज्वैलरों ने पूरी तैयारी की है। ग्राहकों को रिझाने के लिए ज्वैलर अपने हिसाब से छूट दे रहे हैं। मुंबई ज्वैलर्स एसोसिएशन के सचिव कुमार जैन कहते हैं कि सोना पिछले साल की अपेक्षा करीब 2,000 रुपये सस्ता है जिसकी वजह से ग्राहकों में खरीदारी के प्रति जोश है। लोग आठ दिन पहले से अपने आभूषणों की बुकिंग कर रहे हैं। आभूषणों के साथ ही सोने के सिक्के और बिस्किट और बार की भी खूब बुकिंग हुई है। जैन कहते हैं कि ग्राहकों की संख्या को देखते हुए कहा जा सकता है कि इस बार अक्षय तृतीया में पिछले साल की अपेक्षा 25 फीसदी अधिक बिक्री होगी। ग्राहकों को रिझाने के लिए ज्वैलर मेकिंग चार्ज में भारी छूट दे रहे हैं।
गौरतलब है कि इस साल घरेलू बाजार में मांग बढऩे के बावजूद सोना 27,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के नीचे बना हुआ है जबकि पिछले साल अक्षय तृतीया के दिन सोना 29,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के करीब था। मेकिंग चार्ज में छूट देने के साथ ज्वैलरों ने ग्राहकों की पसंद को देखते हुए नए डिजाइन और हल्के वजन के आभूषण बाजार में उतारे हैं। जीजेएफ के निदेशक रमन सोलंकी कहते हैं कि हमारे देश में मुहूर्त का बहुत महत्त्व होता है। ज्वैलरी और बुलियन बाजार तो सीधे प्रभावित होता है। सोने की कीमतें लंबे समय से एक रेंज में चल रही हैं जिससे लोग मानसिक तौर पर आभूषण खरीदने का मन बना चुके हैं।
ग्राहकों की मांग को देखते हुए ज्वैलरों ने हल्के और बेहतरीन डिजाइन तैयार किए हैं। हीरे के आभूषणों में मेकिंग चार्ज में 100 फीसदी तक की छूट दी जा रही है। अब ज्वैलर भी अपने ब्रांड से समझौता नहीं करते हैं और यही वजह है कि लगभग सभी ज्वैलर हॉल मार्क आभूषणों के साथ पूरा बिल और सोने की गुणवत्ता बता रहे हैं। अक्षय तृतीया से ज्वैलरों की उम्मीद सोने के आयात पर भी देखने को मिलती है। अक्षय तृतीया के दिन ज्वैलरों की मांग को पूरा करने के लिए मार्च के दौरान देश में बड़े पैमाने पर सोने का आयात हुआ। मार्च में 125 टन सोने का आयात किया गया जबकि फरवरी महीने में महज 60 टन सोने का आयात हुआ था और पिछले साल मार्च में 80 टन सोने का आयात हुआ था।
देश की सोने-चांदी के आभूषणों की सबसे बड़ी मंडी में ज्वैलर दावे के साथ कह रहे हैं कि इस बार रिकॉर्ड बिक्री होगी। हालांकि सोने और हीरे के आभूषणों की बड़ी ब्रांडेड कंपनियों का कहना है कि उम्मीद तो बहुत हैं लेकिन ग्राहकों का उत्साह अभी तक खास नहीं दिख रहा है, विशेषकर हीरे के आभूषणों से ग्राहक दूरी बनाए हुए हैं। 21 अप्रैल को अक्षय तृतीया पर सौभाग्य समृद्धि योग होने से इस दिन रिकॉर्ड विवाह लग्न है। आचार्य प्रदीप द्विवेदी के मुताबिक अक्षय तृतीया कृतिका नक्षत्र में पड़ रही है। इस दिन आभूषण, वस्त्र, इत्यादि खरीदने के लिए शुभ मुहूर्त है। इस बार बैसाख और ज्येष्ठ में कई विशेष विवाह लग्न हैं। लग्न अधिक होने के कारण ज्वैलर उम्मीद कर रहे हैं कि इस बार सोना सस्ता होने से लोग विवाह में जमकर खरीदारी करेंगे और उसकी झलक बाजार में देखने को मिल रही है। (BS Hindi)
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